5955758281021487 Hindi sahitya : कविता क्या है
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रविवार, 26 अप्रैल 2020

कैसे बनती है कविता?

कैसे बनती है कविता?
'कविता कोने में घात लगाए बैठी है यह हमारे जीवन की भीषण बसंत की तरह आ जाती है ।'
अर्जेंटीना के एक स्पेनिश लेखक की कोटेशन
कविता हमारी संवेदनाओं के निकट होती है वह हमारे मन को छू लेती है कभी-कभी जब जोर देती है कविता के मूल में संवेदना है राम तत्व है यह संवेदना संपूर्ण सृष्टि से जुड़ने और उसे अपना बना लेने का बोध है।
सवाल यह उठता है कि जो वस्तु हमारे इतने निकट है उसे हम उसी तरह क्यों नहीं कर पाते हैं जैसे कभी कहता है जहां तक कविता लेखन का सवाल है इस संबंध में दो मत मिलते हैं एक तो यह कि कविता रचने की कोई प्रणाली सिखाई नहीं क्या बताए नहीं जा सकती लेकिन यह भी सच्चाई है कि पश्चिम के कुछ विश्वविद्यालयों में और अब आपने यहां भी कहीं-कहीं लेखन के बारे में विद्यार्थियों को बकायदा प्रशिक्षण दिया जाता है। दो सवाल यह भी है कि चित्रकला संगीत कला नृत्य कला भी सिखाई जा सकती है तो क्यों नहीं जा सकती आप इन सवालों का सामना करेंगे आज लगेगा यह संसार है कविता का जादू खुल नहीं लगेगा न बन पाए तो एक अच्छे बन जाओगे कविता की बारीकियों से गुजर ना उसे दोबारा रचे जाने के लिए सुख से कम नहीं होगा दरअसल एक अच्छी कविता अंतरित करती है बार-बार पढ़े जाने के लिए कुछ शिक्षा शास्त्रीय संगीत की तरह जब तक आप इससे दूर हैं रहस्य में लगी कि करीब जाते ही बार-बार तथा देर तक सुनने की कोई भी चाहिए कविता आपसे सवाल करती है सुनने और पढ़ने के बाद भी वह बची रह जाती है आप की स्मृतियों में बार बार सोचने के लिए ।
कविता की अंजाम दुनिया का सबसे पहला उपकरण है शब्द शब्द से मेलजोल कविता की पहली शर्त है शब्दों से खेलना उनसे मिलजुल बढ़ाना शब्दों के भीतर सदियों से छिपे अर्थ की परतों को खोल एक शब्द अपने भीतर कई अर्थ छिपाए रहता है कुछ-कुछ इंटरनेट की तरह इंटरनेट से जुड़ना ज्ञान विज्ञान की नई दुनिया से जुड़ना है शब्दों से जुड़ना कविता की दुनिया में प्रवेश करना है के प्रयास में भी धीरे-धीर उसकी रचनात्मकता का आकार लेना शुरू कर देती है।
कविता में सारे घटक परिवेश और संदर्भ से परिचालित होते हैं कविता की भाषा संरचना भीमबंध सब उसी के इर्द-गिर्द घूमते हैं
कविता के कुछ प्रमुख घटक
कविता भाषा में होती है इसलिए भाषा का समय का ज्ञान होना जरूरी है भाषा शब्द से बनती है शब्दों का एक विन्यास होता है जिसे वाक्य कहते हैं भाषा प्रचलित एवं सहज हो पर संजना ऐसी कि पाठकों को नहीं लगे कविता में संकेतों का बड़ा महत्व होता है इसलिए संकेतक चिन्हों जहां तक की 2 पंक्तियों के बीच का खाली स्थान भी कुछ ऐसा कह रहा होता है वाक्य का गठन की जो विशिष्ट प्रणाली होती है उसे शैली कहते हैं इसलिए विभिन्न काव्य शैलियों का ज्ञान भी जरूरी है
संतो के अनुशासन की जानकारी से होकर गुजरना एक कवि के लिए जरूरी है तभी आंतरिक ले का निर्माण संभव है कविता चंद और उन्मुक्त चंद दोनों से होती है संभवत कविता के लिए चंद के बारे में बुनियादी जानकारी आवश्यक है मुक्तक छंद में लिखने के लिए इसका ज्ञान जरूरी नहीं है कविता समय विशेष की उपज होती है उसका स्वरूप समय के साथ साथ बदलता रहता है अतः किसी समय विशेष की जानकारी भी कविता की दुनिया में प्रवेश के लिए आवश्यक है कम से कम शब्दों में अपनी बात कह देना और कभी-कभी तो सब दो या दो वाक्यों के बीच कुछ कही अनकही छोड़ देना सविता की ताकत है।
मोटे तौर पर यह बुनियादी जानकारी कविता की दुनिया में प्रवेश के लिए जरूरी है पर सौ बातों की एक बात कि सारे तैयारी हो और कविता रचने के लिए चीजों को देखने की नवीन दृष्टि या नए को पहचानने और उसको प्रस्तुत करने की कला ना हो तो काव्य लेखन संभव नहीं है भारतीय विचार को ने इसी को प्रतिभा कहां है यह प्रतिभा प्रकृति प्रदत होती है। किसी नियम या सिद्धांत के अनुसार इसे पैदा नहीं किया जा सकता निरंतर अभ्यास ले और परिश्रम के द्वारा विकसित अवश्य किया जा सकता है जहां तक की कविता का सवाल है शब्दों का चयन इसका गठन बाबा अनुसार ले आत्म अनुशासन से तत्व है जो जीवन के अनुशासन के लिए जरूरी हैं भाषा सीखने में मैं तो मददगार हैं कविता की यह कुछ ऐसी विशेषताएं हैं जो कविता रचना भले ही न सिखाएं लेकिन उन्हें जानने जाने ना कविता को रचने का मजा दे सकता है और कविता को सर आने का सुख भी सच में शब्दों की दुनिया में प्रवेश उनसे खेलना विद्यार्थी की रचनात्मक शक्ति और ऊर्जा को बाहर लाने में अद्भुत भूमिका निभा सकते हैं
एक जनता का
दुख एक
 हवा उड़ती पताकाए 
अनेक
दैत्य दानव
 करोड़ से कंगाल बुद्धि
 मजदूर एक जनता का 
अमर एकता का स्वर्ग।।