भूमिका-
पुरस्कार कहानी जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित मधुलिका के आक्रोश, चीत्कार, मानवीय दुर्बल आता हूं वह अंतर्द्वंद की कहानी है।
भावात्मक अंतर्द्वंद कर्तव्य और रोमानी वातावरण की कहानी लिखने वाले प्रसाद जी ने इस कहानी में उनके प्रमुख कहानीकार के रूप में वह मुखरित हुए हैं।
तत्वों के आधार पर पुरस्कार कहानी की समीक्षा
किसी भी कहानी की समीक्षा के अंतर्गत निम्नलिखित तत्व शामिल होते हैं।
1. कथानक
2. चरित्र चित्रण
3. संवाद
4. प्रारंभ व अंत, देशकाल व वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य
कथानक-पुरस्कार कहानी का कथानक विस्तृत है और सूत्र बिखरे हुए हैं।कहानी का आरंभ कौशल राज्य की कृषि उत्सव से होता है और मधुलिका के प्रेमा लाभ से कथानक आगे बढ़ता है अरुण का आक्रमण की तैयारी करना और फिर मधुलिका का राजा की ओर चले जाना जिज्ञासा मनोवृति को बड़ी तीव्रता से जगाता है कहानी का चरम सीमा तक अंत एक साथ ही हो जाते हैं जब मधुलिका कहती है कि मुझे प्राण प्राण दंड मिले और बंदी वह अपने प्रेमी अरुण के पास जाकर खड़ी हो जाती है।
2. पुरस्कार कहानी में प्रमुख पात्र अरुण और मधुलिका हैं लेकिन राजा का चरित्र भी कहीं-कहीं उभर कर सामने आया है सौंदर्यप्रिय प्रसाद जी के सभी पात्र सुंदर कोमल ह्रदय व भाव ुु
3. संवाद योजना-प्रसाद जी की संवाद योजना काव्यात्मक ,प्रभावपूर्ण, मार्मिक और पात्रों के चरित्र को उजागर करने वाली होती है।इन संवादों के माध्यम से अरुण और मधुलिका दोनों का चरित्र उभरता है ।मधुलिका की करुणा और दया और उनके मन की सरलता और मधुलिका के प्रति उसके हृदय में जो प्रेम है ,वह अपने मन तक सीमित नहीं रख पाता बल्कि बता देता है।
4. भाषा शैली-प्रसाद जी की कहानियों की भाषा संस्कृत निष्ठ खड़ी बोली हिंदी है और प्रभाव सिल्वर काव्यात्मक है उनकी भाषा मे लालित्य शैली में सजीव तथा रोचकता होती है मुहावरों का कम बहुत कम प्रयोग है उनकी सैलरी ग्रामीण में होकर चित्रात्मक शैली है।
5. देश काल और वातावरण-देश काल और वातावरण से अभिप्राय कहानी के समय व स्थान व परंपराओं के वर्णन से है।प्रसाद जी ने को संदेश की देशकाल व वातावरण को जीवंत बना दिया है कौशल की कृषि उत्सव करते हुए कहानी का आरंभ होता है मधुलिका के प्राण दंड मान लेने के बाद इस कहानी का मार्मिक अंत भी होता है।
6. उद्देश्य-पुरस्कार कहानी में लेखक ने प्रेम के व्यक्तिगत एवं सामाजिक रूप का चित्रण किया है प्रेम मानव जीवन का वह भाव है जो जीवन प्रकृति राष्ट्र आदि में विविध रूपों में प्रकट होता है।
पुरस्कार कहानी का उद्देश्य निम्नलिखित है-
1. कर्तव्य और भावना का द्वंद और अंततः भावना पर कर्त्तव्य की विजय
2. कर्तव्य और प्रेम दोनों का निर्वाह आवश्यक।
3. राष्ट्रप्रेम राष्ट्रीय संगठन
4. सांस्कृतिक परंपराओं की रक्षा