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रविवार, 5 अप्रैल 2020

आत्मकथा और जीवनी में अंतर

 १•आत्मकथा-जब लेखक स्वयं का आत्मनिरीक्षण करता है अपने बारे में लिखता है वह आत्मकथा होती है|
२•आत्मकथा में निष्पक्ष होकर लिखना होता है ना आत्मा स्तुति और ना ही आत्म निंदा यथार्थ प्रस्तुति ही अनिवार्य है
३•स्त्रोत लेखक स्वयं ही इसका स्त्रोत होता है|
४•उदाहरण-- हरिवंश राय बच्चन
१•क्या भूलूं क्या याद करूं
२•नीड़ का निर्माण फिर
३ बसेरे से दूर
४•10 द्वार से सोपान तक
जीवनी
१•जब कोई दूसरा व्यक्ति किसी की जीवन गाथा को प्रस्तुत करता है वह जीवनी है|किसी महापुरुष ,संत ,नेता की हो सकती है|
२•जीवनी में भी लेखक चरित्र नायक के प्रति अंध श्रद्धा और उपेक्षा दोनों ही स्थितियों से मुक्त होकर लिखना होता है|तभी वह रचना के साथ न्याय कर पाता है|
३•लिखित -मौखिक जानकारी एकत्रित करता है अपने तरीके से जानकारी के आधार पर प्रस्तुत करता है|
४•उदाहरण
विष्णु प्रभाकर ने बांग्ला उपन्यासकार शरतचंद्र की प्रमाणिक जीवनी लिखी|
अमृतराय ने कलम का सिपाही अपने पिता प्रेमचंद की जीवनी लिखी|