5955758281021487 Hindi sahitya : semester 4
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बुधवार, 8 अप्रैल 2020

पारिभाषिक शब्दावली निर्धारण में समस्याएं

पारिभाषिक शब्दावली निर्माण में समस्याएं
भूमिका-भारत विशाल देश है देश की स्वतंत्रता के बाद जन्मी नई परिस्थितियों नई समस्याओं उत्तर नई जरूरतों ने पारिभाषिक शब्दावली की आवश्यकता को गंभीरता से उपस्थित किया है।
पारिभाषिक शब्दावली निर्धारण में समस्याएं
१. एक केंद्रीय अभिकरण का अभाव होना।
२. सरकार की निश्चित नीति में होना।
३. सरकारी तौर पर गंभीरता व निष्पक्षता की कमी होना।।
४. देश के प्रबुद्ध वर्ग में उदासीनता।
५. तर्क अपेक्षा भावना को अधिक महत्व देना।
६. भाषा के क्षेत्र में भी राजनीतिक दांव पर जो का होना।
७. बौद्धिक विकास में डूबकर भाषा को भावात्मक एकता का आधार न मानने की भूल करना। 
निष्कर्ष-
आज आजादी के इतने वर्षों बाद भी हम अपनी परिभाषिक शब्दावली का निर्धारण ठीक से नहीं कर पा रही हैं पारिभाषिक शब्दावली की महत्व को देखते हुए हिंदी पारिभाषिक शब्दावली को सुदृढ़ करने के लिए प्रबुद्ध वर्ग को अपना योगदान देना वांछनीय है।