5955758281021487 Hindi sahitya : आत्मविश्वास निबंध

रविवार, 2 मई 2021

आत्मविश्वास निबंध

आत्मविश्वास निबंध आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता
मनुष्य का जीवन संघर्ष का जीवन किंतु यदि संघर् से जूझते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है तो उसे स्वयं पर विश्वास करना होगा और विश्वास बनाए रखकर निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होना होगा।


आत्मनिर्भर होना किसी भी व्यक्ति की सफलता का सबसे बड़ा आधार है।
हाथ निर्भरता के विषय में विभिन्न विद्वानों ने अनेक उत्तर प्रदेश प्रस्तुत किए


जैसे रूसो प्रतिवादी शिक्षा विदित है उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों के हाथ में पुस्तक नहीं देनी चाहिए बल्कि कागज और पेंसिल देकर उन्हें प्रकृति की गोद में छोड़ देना चाहिए।
तुलसीदास जी ने कहा है
पराधीन सपनेहु सुख नाही
वास्तव में स्वाबलंबन या आतम निर्भरता भी मनुष्य को स्वाधीन बनने की प्रेरणा देती है यदि हम अपने चारों ओर की प्रकृति पर दृष्टिपात करें तो छोटे बड़े जीव जंतुओं को देखें वह भी सभी स्वतंत्रता प्रिय होने के साथ-साथ पूर्णता आत्मनिर्भर हैं।
पशु पक्षियों के नन्हे शिशु जन्म लेने के कुछ समय बाद ही आत्मनिर्भर हो जाते हैं जबकि मानव संतान अगर बस चले तो कभी भी आत्मनिर्भर ना बने आज के युवा वर्ग माता पिता पर आश्रित रहकर ही जीवन का आनंद उठाए जा रहे हैं मनुष्य की प्रकृति है कि वह सब कुछ प्राप्त करना चाहता है लेकिन हाथ पैर बिलारा नहीं चाहता यही भावना उसकी पराजय का सबसे बड़ा कारण है मानव जीवन में परतंत्रता सबसे बड़ा दुख है और सबसे बड़ा सुख स्वाबलंबी मनुष्य कभी परतंत्र नहीं हो सकते वे सदा स्वतंत्र रहकर आत्मनिर्भर बनने की लगातार कोशिश करते हैं।
हाथ निर्भरता से मनुष्य की प्रगति होती है वह उस वीरता का वर्णन करता है जो स्वयं पृथ्वी को धो कर पानी निकाल कर अपनी तृष्णा को शांत करने की क्षमता रखता है कायर भेरु विरुद्ध मी अनु उत्साह है कर्म अन्य लोग ऐसा कर पाने में असमर्थ रहती है 
आत्मविश्वास व्यक्ति 

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