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सोमवार, 25 मई 2020

बेरोजगारी पर कविता

बेरोजगारी पर कविता

करोड़ों की संख्या में 
लाखों लोग बेकार है
 भूख से तड़पते हुए वे 
नहीं मिलता उन्हें रोजगार हैं
पढ़े-लिखे युवक अकसर
 रो-रोकर यह कहते हैं
 इतना पढ़ने के बाद भी
 क्यों हम बेरोजगार रहते हैं।
कहते हैं पढ़ाई पर
 लगाया था हमने काफी दम
 आकर उची उची डिग्री
 क्यों फिर से बेरोजगार हम
क्या फायदा इन डिग्रियों का
 जो दिला  नहीं सकती काम हमें
 है लज्जा की बात यही भारी
 हम इन्हें लिए बेरोजगार फिरे
काम की खातिर हमने
 अनेकों हैं जतन किए 
चमचागिरी की अफसरों की 
उनके जूते तक भी पॉलिश किए
इतना करने पर भी
 उन्हें नहीं रोजगार मिलते हैं 
आकर तंग हालात से
 यह गलत रास्ता चुनते हैं
जगह-जगह असंख्य युवक
 बैठ बेकार में बहस करें
 खाकर धक्के इधर उधर
 लाखों में शैतान बनी
 जब देखें वे  दुनिया अपनी 
तब गुस्से से भर जाते हैं
 लाखों सुन लेते गलत राह
सैकडों पीकर विष मर जाते हैं
 रिश्वत और सिफारिश ने
 गरीब जनता को बेकार किया 
भ्रष्टाचार की इस जोंक ने 
गरीब जनता का लहू पिया
 नेता अफसर लोग सभी 
भरे घड़े को भरते हैं 
इनकी स्वार्थ लिप्सा के कारण
 गरीब  बेरोजगार बने फिरते हैं
 यही हालात रहे अगर देश में 
जो जलती क्रांति की चिंगारी 
एक दिन शोला बन जाएगी 
जलाकर इस देश को फिर
कंकालों का ढेर लगाए।


2
बेरोजगारी फैली चहु दिसि
चारों तरफ हाहाकार करें
मजदूर भागे इधर-उधर
कौन इनकी दशा में सुधार करें?
लॉक डाउनलोड डाउन शब्द पुकारे
सारे धंधे चौपट हुए
बेरोजगारी की दहशत झले
हाय मजदूर बेचारे
मजदूरों के लिए ट्रेन बस चलाई सरकार
पहुंचाए उनके घरों में
पानी रोटी शेल्टर होम की व्यवस्था करें
पर क्या रोजगार फिर से आबाद कर पाएगी सरकार
कब तक सभी रुकेंगे घरों में
क्या काम ऐसे चल जाएगा
कोरोना महामारी ने
सबसे ज्यादा कमर तोड़ दी मजदूरों की
बेरोजगारी फैली चहु दिसि
चारों तरफ हाहाकार हुआ
कब गम के बादल छूट जाएंगे
कब पहले सा दुनिया आबाद होगी
मजदूर सोचता ही रहता है
उसकी हालत पहले भी वैसी थी
अब थोड़ी और बदतर
रोज उद्योगों मैं मजदूरोंकी संख्या घटकर जीरो हुई
कब तांडव समाप्त होगा कोरोनावायरस
कब मजदूर खुशहाल बनी
इसी आशा में जीवन चलाएं
मजदूर कैसा बेहाल हुए

शुक्रवार, 22 मई 2020

CBSE examination class 10th SST sample papers

CBSE examination class 10th SST sample papers
CBSE class 10th samajik vigyan ke sample paper per ine Hindi
सामाजिक विज्ञान के सैंपल पेपर इन हिंदी
सामाजिक विज्ञान सैंपल पेपर
प्रिय वद्यार्थियों मैंने महसूस किया है कि एसएसटी सब्जेक्ट में हिंदी में सैंपल पेपर्स नहीं मिलते हैं आज मैं कोशिश करूंगी कि हिंदी में आपको सैंपल पेपर प्रदान करवा सकूं।
निर्धारित समय 3 घंटे
अधिकतम 80
कक्षा 10
विषय सामाजिक विज्ञान
सामान्य निर्देश
1.एक इस प्रश्न पत्र में कुल 26 प्रश्न होंगे सभी प्रश्न अनिवार्य हैं
प्रत्येक प्रश्न के आंसर उसके सामने दिए गए हैं।
प्रश्न संख्या 1 से 7तक अति लघु उत्तरीय प्रश्न है।
 जो एक-एक अंक के हैं।

2.प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न तीन आंख का है जिसमें शब्द सीमा 80 शब्दों से अधिक नहीं होनी चाहिए।

3.प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 का है जिसमें शब्द सीमा 100 शब्दों  से अधिक नहीं होनी चाहिए।
4.प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से संबंधित है जिसके दो भाग हैं 26 और 26 बी 26a 2 अंक का इतिहास से और 26 बी 3 अंक का भूगोल से लिया गया प्रश्न है।
5.पूर्ण प्रश्न पत्र में कोई विकल्प नहीं है फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं ऐसे सभी प्रश्नों में से सिर्फ एक ही विकल्प हल करें।


प्रश्न संख्या 1 -1885 में यूरोप के ताकतवर देशों की बर्लिन में बैठक क्यों हुई?(1)
अथवा
17वीं और 18वीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गांव गांव की ओर रुख करने लगे थे?
प्रश्न संख्या दो-रोमन कैथोलिक चर्च ने प्रकाश को और पुस्तक विक्रेताओं पर पाबंदी क्यों लगाई?(1)
अथवा
उपन्यासकार जन् भाषा का उपयोग क्यों करते थे?

प्रश्न संख्या 3 उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण कीजिए(1)
प्रश्न संख्या चार चुनौती कोई समस्या नहीं बल्कि उन्नति का अवसर है कथन का विश्लेषण कीजिए
प्रश्न संख्या 5 आय के अतिरिक्त विकास के किन्हीं दो लक्षणों का उल्लेख कीजिए?(1)

प्रश्न संख्या 6  जब हम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके वस्तुओं का उत्पादन करते हैं? तो इस प्रकार की गतिविधियां किस आर्थिक क्षेत्र के अंदर आती है(1)
प्रश्न संख्या 7 साख अथवा ऋण के अनौपचारिक क्षेत्र के कोई दो उदाहरण दीजिए।(1)

प्रश्न संख्या 8 रिंदरपेस्ट का 18 से 90 के दशक में अफ्रीका के लोगों की आजीविका तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव का वर्णन कीजिए।(3)
प्रश्न संख्या 9 19वीं सदी में भारतीय बुनकरों की तीन प्रमुख समस्याओं का वर्णन कीजिए।(3)
अथवा 
19वीं शताब्दी के दौरान लंदन को साफ सुथरा करने के लिए उठाए गए किन्ही तीन कदमों का वर्णन कीजिए।

प्रश्न संख्या 10
किन्हीं तीन कारणों का वर्णन करें जो इस बात की पुष्टि करते हो की बहुउद्देशीय परियोजनाएं तथा बड़े बांध पिछले कुछ वर्षों से समीक्षा एवं विरोध के विषय बने बन गए हैं।(3)
प्रश्न संख्या 11 मोहन उत्तर प्रदेश का एक खेत का मालिक है वह उसमें या तो झूठ अथवा गन्ना हुआ ना चाहता है उसे इन दोनों फसलों की वर्दी से संबंधित बातों को ध्यान में रखते हुए कौन सी फसल लगानी चाहिए अपने विचार लिखिए।(3)
प्रश्न संख्या 12 सरकार की संघीय शासन प्रणाली तथा एकात्मक शासन प्रणाली में क्या अंतर है लिखिए।(3)

प्रश्न संख्या 13 
सामाजिक विभाजन की राजनीति का परिणाम किन तत्वों पर निर्भर करता है तीन तत्वों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।(3)
प्रश्न संख्या 14 
क्या लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाएं नागरिकों को शांति व सद्भावना का जीवन जीने देती हैं स्पष्ट कीजिए।(3)
प्रश्न संख्या 15 
मोहित 28 वर्षीय एक युवक है जिसका वजन 65 किलोग्राम है उसकी लंबाई 1.8 मीटर है उसका बीएमआई ज्ञात कीजिए यह भी ज्ञात कीजिए कि क्या वह अभीभारित है या अल्प पोषित है क्यों?(3)
प्रश्न संख्या 16 
अमृता एक सरकारी कर्मचारी है तथा एक अच्छे शहरी घर से संबंध रखती है वही रानी एक निर्माण कार्य करने वाले जगह पर एक हेल्पर के तौर पर कार्य करती है तथा एक गरीब ग्रामीण घर से आती है दोनों को ही घर लेना है तथा वह दोनों से लेना चाहते हैं कौन इन दोनों में से ऋण लेने में सफल होगा और क्यों?(3)
प्रश्न संख्या 17 
किस प्रकार सरकार वैश्वीकरण को बेहतर तथा इसके लाभ को समाज के सभी वर्गों को उपलब्ध करवा सकती है?(3)
प्रश्न संख्या 18 
उपभोक्ता जागृति के विज्ञापन बनाइए ताकि वे अपने अधिकार जान पाए और खुद को शोषण से बचा सकें।(3)

प्रश्न संख्या 19 
उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए कि खाद्य पदार्थों ने किस प्रकार की लंबी दूरी के सांस्कृतिक आदान-प्रदान की संभावना का अवसर प्रदान कर दिया है।(5)
प्रश्न संख्या 20 
विभिन्नसमुदाय क्षेत्रों और भाषा समूह से संबंध रखने वालों में किस प्रकार एवं सामूहिक अपने पन का भाव विकसित हुआ है स्पष्ट कीजिए(5)
अथवा 
किस प्रकार असहयोग आंदोलन पूरे भारतवर्ष में फैल गया तथा इसके किसान एवं भारतीयों के संघर्षों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
 प्रश्न संख्या 21
सूती वस्त्र उद्योग के संदर्भ में भारत में कपड़ा उद्योग की मा का वर्णन कीजिए(5)

प्रश्न संख्या 22 
विश्व में भारत के पास सबसे बड़ा रोड नेटवर्क में किस आधार पर है सड़क परिवहन रेलवे परिवहन से बेहतर स्थिति में है इससे आगे निकल गया है स्पष्ट करें।(5)

प्रश्न संख्या 23 
आज के दौर में महिलाओं को कई संसाधनों द्वारा भेदभाव और विरोध को झेलना पड़ता है 5 तर्क देकर इस कथन की व्याख्या कीजिए।(5)
अथवा
आधुनिक समय में कई बदलाव हुए हैं तथा संचार के माध्यमों पर भी इन बदलावों का असर हुआ है उपरोक्त कथन पर प्रकाश डालते हुए आधुनिक समय में भारत में उपयोग होने वाले जन संचार के साधनों की विविधता का वर्णन कीजिए।
प्रश्न संख्या 24
 राजनीतिक दल राजनीतिक शक्ति का प्रयोग करते हैं तथा राजनीतिक पदों को भी भरते हैं परंतु ऐसा वह कुछ महत्वपूर्ण कार्यों का प्रदर्शन करके ही करते हैं उनमें से कीजिए।(5)
अथवा
लोकतंत्र को प्रभावी बनाए रखने के लिए राजनीतिक दलों को कुछ चुनौतियों का सामना करने तथा उन्हें कम करने की आवश्यकता है में से किन्हीं दो नदियों के बारे में उपयुक्त उदाहरण देकर लिखिए।
प्रश्न संख्या 25
रोहन एक बैंक में क्लर्क है वही सुमित एक निर्माण कार्य क्षेत्र में मजदूर के दौरे पर कार्य करता है उनकी कार्य स्थिति में अंतर ज्ञात कीजिए तथा इन क्षेत्रों में कार्य करके होने वाले लाभ और हानि का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।(5)
अथवा
रीमा किसी महत्व टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड में मुख्य तकनीकी अधिकारी के रूप में कार्य करती है वहीं शिरीन फैशन शोरूम में एक बिक्री अधिकारी के रूप में कार्यरत है अर्थव्यवस्था की पहचान कीजिए जिसमें रीमा और भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रत्येक सेक्टर की भूमिका का वर्णन कीजिए।
मानचित्र आधारित प्रश्न 
प्रश्न संख्या 26(A)
 1.दिए गए भारत के राजनीतिक मानचित्र पर वह स्थान अंकित करें जिसका नाम भी लिखिए जहां 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।(1)
2.दिए गए भारत के राजनीतिक मानचित्र पर वह स्थान अंकित करके उस स्थान का नाम लिखिए जहां महात्मा गांधी ने सूती मिल के कार्यकर्ताओं के लिए सत्याग्रह आंदोलन का आयोजन किया था।(1)
प्रश्न नंबर 26 (B)
मानचित्र पर नीचे दिए गए संकेतों को चिन्हित कीजिए
3. नामरूप थर्मल पावर प्लांट(1)
4. लोहा अयस्क भंडार(1)
5. तारापुर न्यूक्लियर पावर प्लांट(1)





गुरुवार, 21 मई 2020

क्या निराश हुआ जाए हजारी प्रसाद द्विवेदी

क्या निराश हुआ जाए हजारी प्रसाद द्विवेदी
निबंध सार
क्या निराश हुआ जाए निबंध आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित एक श्रेष्ठ निबंध है ।
इस निबंध में लेखक ने देश की सामाजिक बुराइयों पर प्रकाश डालते हुए स्पष्ट किया है कि बुराइयों के साथ-साथ अच्छाइयों को भी उजागर किया जाना चाहिए।

 आजकल समाचार पत्र डाका, हत्या ,चोरी ,तस्करी अधिक समाचारों से भरे रहते हैं।
 लगता है कि कोई ईमानदार देश में रहा ही नहीं प्रत्येक व्यक्ति को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है।
 एक मित्र ने लेखक को कहा कि इस समय सुखी वह है जो कुछ नहीं करता हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है 

सच्चाई में भी भीरूता समझी जाती है ।
जीवन में महान मूल्यों के बारे में लोगों की आस्था ही हिलने लगी है।

लेखकका मत है कि इस स्थिति में हताश होना ठीक नहीं लोभ,मोह ,काम विकारों को प्रधान शक्तिमान लेना उचित नहीं ।

मन एवं बुद्धि को इनके इशारों पर छोड़ देना उचित नहीं ।
भारतीय परंपरा के मृत रिश्ता चरण में कभी विश्वास नहीं किया ।
कुछ लोगों की मन की है पवित्रता के कारण नियमों का पालन नहीं हो रहा।
 भारत हमेशा से कानून को धर्म के रूप में देखता रहा है परंतु आज इन दोनों में अंतर कर दिया गया है ।
धर्म भीरु कानूनों की त्रुटियों से लाभ उठाते हैं धर्म को कानून से बड़ा माना जाता है ।
भ्रष्टाचार के प्रति जो आक्रोश है वह सिद्ध करता है कि इन लोगों को पापा चार बुरा लगता है ।
आज बुरी बातों को उद्घाटित करने करके लोग रस लेते हैं यह बुरी बात है हमें अच्छाई को भी प्रकट करना चाहिए लेखक के अंगों के अनुसार आज भी दुनिया में सच्चाई और ईमानदारी खत्म नहीं हुई है ।
मनुष्यता समाप्त नहीं हुई है मनुष्य की बनाई विधियां आज गलत नतीजे तक पहुंच रही हैं उन्हें बदलना होगा आशा की ज्योति अभी बिजी नहीं है।

मैं सबको लगता है कि आज का भारत अपनी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को भूल रहा है।

लेखक तिलक गांधी टैगोर मदन मोहन मालवीय जैसे मनीषियों द्वारा देखे गए भारत के सपनों जैसा भारत चाहता है।
लेखक का विश्वास है कि उसके मनीषियों के सपनों जैसा भारत आज भी है और सदा वैसा ही रहेगा।
आज के भ्रष्टाचारी वातावरण में साधारण लोगों की जीवन के आदर्शों से आस्था टूट रही है।
वर्तमान समय में ईमानदार मेहनती और सामान्य लोगों का शोषण हो रहा है।
ईमानदारी को मूर्खता समझा जाता है सच्चाई डरपोक तथा मजबूर लोगों के लिए रह गई है।
लोगों का उच्च मानवीय मूल्यों तथा आदर्शों के प्रति विश्वास समाप्त हो गया है ।
मनुष्य बुद्धि सदा नवीन परिस्थितियों के अनुरूप सामाजिक नियम बनाती रहती है ।
समय अनुसार उनमें परिवर्तन भी होता रहता है ।
सामाजिक नियम सबके लिए शक्कर नहीं होते इनमें भी टकराव होता है।
 और फिर बदला भी जाता है सामाजिक नियमों एवं आदर्शों में टकराव को देखकर हताश नहीं होना चाहिए ।
भारतीय भौतिक वस्तुओं के संग्रहण को अधिक महत्व नहीं देते हैं ।
भारतीयों के लिए आत्म तत्व का अधिक महत्व है ।
काम क्रोध लोभ मोह को मन और बुद्धि पर हावी होने देना कृष्ण वनी आचरण है किसी के दोषों को उजागर करना बुरी बात नहीं है ।
किसी की बुराई को उजागर कर उसमें रस लेना बुरा है अच्छाई मेरा से लेकर उसे उजागर करना चाहिए।

 अच्छाई को उजागर ना करना और भी बुरा है इस निबंध के माध्यम से लेखक बताना चाह रहा है ।
कि लेखक भयभीत इसलिए चाची डेढ़ 2 घंटे से बस सुनसान जगह पर हुई थी उसके बच्चे तथा पत्नी भूखे प्यासे बेहाल थे कहीं से कोई सहायता नहीं मिल रही थी ।
लोग ड्राइवर को पीटना चाहते थे ।
परंतु लेखक ने समझाने पर उन्होंने ड्राइवर को बस से नीचे उतार लिया और उसे घेर कर खड़े हो गए।
 एक खाली बस लेकर आ गया और सभी की समस्या का समाधान हो गया।

समाचार पत्र समाचार चैनलों के द्वारा दोषों का पर्दाफाश करने का मुख्य कारण समाज को जागृत करना है।
 जब व्यक्ति विशेष जागृत हो जाएगा तो वह गुण दोष की परिभाषा कोश रमजान और समझ सकेगा ।
सभी समाचार पत्र लोगों को एकजुट करने का कार्य भी करते हैं वह भाईचारे और बंधुत्व की भावना का विकास भी करते हैं ।

नए-नए दोषी एवं अप्रिय घटनाओं को छात्र इसी प्रकार सीडी प्रकरण भी रिश्वतखोरी और दोषियों को सबके सामने उजागर कर लोगों को चेतावनी रहते हैं ।
बुरा काम नहीं करना चाहिए इससे समाज गतिमान नहीं हो पाएगा ।
अपने कार्यों द्वारा वह समाज को नवीन पत्र देना चाहते हैं मैं लोगों को अपने गुणों की पहचान कर जीवन में आगे बढ़ने की सलाह देते हैं और निराशा से ऊपर उठने की कह रहे हैं।

बुधवार, 20 मई 2020

सीबीएसई बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं होंगी जुलाई में

सीबीएसई बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं होंगी जुलाई में
कोरोना कॉल मी पुराना महामारी को देखते हुए 10वीं 12वीं की परीक्षाओं को रोक दिया गया था।
अब परीक्षाएं 1 जुलाई से ली जाएंगी जीन की डेट शीट बोर्ड द्वारा जारी की गई है जो मैंने नीचे इमेज के माध्यम से दर्शाने का प्रयास किया है सभी बच्चे अपनी तैयारी को अंजाम दे आपके स्वर्णिम भविष्य की मंगल कामना करते हैं।यह डेट शीट सीबीएसई बोर्ड की ऑफिशियल साइट पर दीीी गई  सभीी बच्चों से अनुरोध हैैैै वह अपनी तैयारी करें सोशल डिस्टेंसिंग काााा ध्यान रखा जा सभीी कोक्ष्क्

मंगलवार, 19 मई 2020

प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए इतिहास की तैयारी हेतु पुस्तकें

इतिहास की तैयारी सेतु हिंदी मीडियम पुस्तकें


1.आधुनिक भारत का इतिहास - राजीव अहीर
2.भारतीय कला एवं संस्कृति -नितिन सिंघानिया
3.मध्यकालीन भारत राजनीति समाज व संस्कार- सतीश चंद्र
4.भारत का प्रथम प्राचीन इतिहास- रामशरण शर्मा
5.भारत गांधी के बाद- रामचंद्र गुहा
6.इंडियन हिस्ट्री पीडीएफ फेसबुक
7.हिस्ट्री नोट्स इन पीडीएफ इन हिंदी एग्जाम ट्रिक डॉट कॉम
8.जितेन क्लासेस नोट्स इन पीडीएफ
9 सरस्वती क्लासेज
10.भारत का राष्ट्रीय आंदोलन- िबपिन चंद्र
11.आईएएस कोचिंग सेंटर मुखर्जी नगर दिल्ली हिंदी नोट्स
12इ्गनू बुक्स
13.एनसीईआरटी बुक्स 6 इन ट्वेल्थ
14.घटना चक्र पिछले प्रश्न पत्र
15.जीएस प्वाइंटर
16.एनसीईआरट सामान्य ज्ञान विद्यापीठ पब्लिकेशन
17.सामान्य अध्ययन 1260 सेट 1992 से लेकर 2020        तक स्पीडी सामान्य अध्ययन
18.लुसेंट सामान्य ज्ञान
19.धनखड़ सामान्य ज्ञान
20. के .डी कैंपस इतिहास नोट्स इन हिंदी

सोमवार, 18 मई 2020

विद्यानिवास मिश्र द्वारा रचित मेरे राम का मुकुट भीग रहा निबंध का सार

मेरे राम का मुकुट भीग रहा शीर्षक निबंध का सार


मेरे राम का मुकुट भीग रहा डॉक्टर विद्यानिवास मिश्र सुप्रसिद्ध ललित निबंध है।

 इस निबंध के माध्यम से लेखक की संवेदना द्वारा लोकतंत्र वेदना का सजीव चित्रण हुआ है ।

लेखक ने लोकजीवन की अंतर वेदना को राम के राजतिलक के समय की घटना के माध्यम से सशक्त अभिव्यक्ति प्रदान की है।
***
*** राम का वनवास करुणा का प्रतीक है जिस व्यक्ति का राज अभिषेक हो रहा था विडंबना वर्ष उसे राज सिंहासन की अपेक्षा वनवास हो गया ।

***स्वतंत्र भारत की जनता को स्वतंत्रता के पश्चात राज सिंहासन पर होना चाहिए था किंतु राज सिंहासन पर कुछ ही जाने माने लोग बैठ गए और भारतीय जनता वनवास जैसा जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हो गई ।

***भारत के विशेषकर अवध प्रदेश के आसपास के क्षेत्र के लोग लोक जीवन में राम की करुणामयी कहानी उनके मानस पटल पर आज भी अंकित है ।

***लेखक ने अपनी चिंता के कारणों पर प्रकाश डालते हुए एक संगीत कार्यक्रम की घटना का उल्लेख किया है अपने घर आई एक मेहमान लड़की जो संगीत कार्यक्रम में उनके बेटे साथ जाती है और देर रात तक लौटकर नहीं आती तो उनके मन में चिंता का होना स्वाभाविक है ।

****लेखक पहले तो शहरों की आज कल की असुरक्षित स्थिति का ध्यान रखते हुए इन दोनों को जाने नहीं देना चाहता था किंतु लड़के का मन रखने के लिए कह दिया कि एक डेढ़ घंटे सुनकर लौट आना रात्रि के 12:00 बजे तक उनके लौटने पर लेखक की पत्नी बहुत बेचैन हो उसी समय वर्षा का आरंभ होना लेखक और उसकी पत्नी के लिए चिंता का विषय बन गया उनकी लौट आएंगे इसी तरह शांत हो गई ।
दरवाजे में दरवाजे पर ही लगी रही लेखक के सामने उसका बचपन उन्हें जीवित हो उठा।

**** उसे अपनी दादी नानी की कही बातें रह-रह कर याद आने लगी उसके बाहर जाने पर या विदेश जाने पर दादी नानी व्याकुल होकर गीत गाती और लॉटरी पर कहती मेरे लाल को कैसा बनवास मिला था दादी नानी का गीत तो अच्छा लगता था ।परंतु मन का दर्द नहीं सोता था किंतु आज परीक्षा के प्रतीक्षा के क्षणों में उनकी बात मुझे यथार्थ महसूस हो रही है और दादी नानी की पीड़ा का भी अनुभव मुझे आज हो रहा है भावी पीढ़ी समझ नहीं पाती अपनी संतान के संभावित संकट की कल्पना मात्र से बेचैन होती है

***बार-बार मन को समझाने पर भी लेखक का मन नहीं समझता अपनी गली के वातावरण का ख्याल आते ही मन में दुश्चिंता पुन: सिर उठाने लगती है।

***मन ख्याल ो में डूबा हुआ था ।उसी समय उनका मन कौशल्या की ओर भारत की एक ऐसी कोई भी कौशल्या नहीं है। उस समय जैसी लाखों-करोड़ों को जिनका मन राम के वनवास के कारण दुखी नहीं है बल्कि कौशल्या के पुत्र राम की तरह अनेक रूप बनकर मन में घूम रहे हैं ।जिनका अपना कोई ठिकाना नहीं है किंतु समझने वाली बात यह है कि आज भी राम के सिर पर मुकुट बंधा बांधा जाता है ।


**सभी को उसके भीगने की चिंता रहती है आज भी काशी रामलीला के आरंभ होने से पूर्व निश्चित समय का मुहूर्त निकालकर राम के मुकुट की पूजा की जाती है किंतु आज लाखों करोड़ों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता जो अभावग्रस्त जीवन जीने के लिए विवश हैं। 

***लेखक पुन अपनी विचारधारा में लौट आता है कि आज केवल देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में ऐसी कुशल यही राम का मुकुट ही क्यों लक्ष्मण का दुपट्टा और जागरण भेज रहा है सीता का सिंदूर भीग रहा है उसका अखंड सौभाग्य दिख रहा है यह नीति का खेल है।
 कि ऐश्वर्या और निर्वासन दोनों साथ साथ चलते हैं।
 राम के राजपाट को संभालने वाले बरस अयोध्या के समीप रहते हुए भी उनसे अधिक निर्वासित जीवन व्यतीत करते हैं।
 विभिन्न आशंका और बर्मा से भ्रमित हो उठता है उसे एेसे मंगल आकांक्षा के पीछे से जाती हुई ध्वनि वाला आसन का कुल आंखों से अमंगल सा प्रतीत होने लगता है ।
उसका सारा उत्साह फीका पड़ जाता है। तुलसीदास की कहीं पंक्तियां से याद आने लगती हैं ।

लगती अवध अब आया वह भारी मां तू कालरात्रि अंधियारी गोरे जंतु संपूर्ण नारी डर पर ही एक ही एक निहारी
 घमासान परिजन जन्म होता सहित मीत मनु जमदूत 
वाघ हैवी पेलीकुला सरित सरोवर देखी ना जाए


कैसी मंगलमय सुबह की कल्पना की थी और कैसी अंधकार में कालरात्रि आ गई ।अपने ही लोग भूत-प्रेत से प्रतीत होने लगे ।
ऐश्वर्या से अभिषेक हो रहा था किंतु निर्वासन हो गया उत्कर्ष की ओर उन्मुख सिस्टम का चेतन ने अपने ही घर से बाहर कर दिया गया।
 उत्कर्ष की मनुष्य की उर्दू उन्मुख चेतना की यह कीमत सनातन काल तक अदा की जा रही है।
 अब यदि कीमत अदा कर ही दी गई है तो उत्कर्ष कम से कम सुरक्षित हो रहे ।
यह चिंता भी स्वाभाविक है राम का और राम के मुकुट का गौरव शेष के अवतार लक्ष्मण का गौरव से संभव है। और इन दोनों के गौरव की सुरक्षा जग जननी आदिशक्ति के अखंड सौभाग्य सिंदूर से रक्षित हो सकेगा ।

राम का निर्वासन सीता का दौरा निर्वासन बन जाता है।
 राम तो 1 से आकर राजा बन जाते हैं किंतु सीता रानी होते हुए भी राम के द्वारा वन में निर्वासित कर दी जाती है राम के साथ लक्ष्मण हैं किंतु 

वह जंगल की सूखी लकड़ी बनती है जलाकर अंजोर करती है जुड़वा बच्चों का मुंह मारती है।
 दूध की भांति अपमान की ज्वाला से चित्र खुद पढ़ने के लिए उठता है किंतु बच्चों की प्यारी सूरत देखकर उस पर पानी के छींटे पड़ जाते हैं और शाम तक जाता है निर्वाचन में भी तो इसका सौभाग्य है सीता का बनवास राम को निर्वासन से भी अधिक देता है।
 राम को वन में रहकर इतनी पीड़ा नहीं हुई जितनी सीता को वनवास अयोध्या में एक बार फिर साबित हो जाता है निशानी रहती है सीता के माथे का सिंदूर दमक होता है।


 सीता का वर्चस्व और प्रखर हो उठता है लेखक को सोचते सोचते प्रभात की 4:00 बजे तभी दरवाजे पर हल्की सी दस्तक हुई चिरंजीव ऊपर की मंजिल पर नहीं चढ़ने मेहमान लड़की ने कहा दरवाजा खोलिए आंखों में इतनी का तड़क थी कि कुछ कहा नहीं जा सकता लेखक ने इतना ही कहा कि तुम्हें अंदाजा भी है कि तुम्हारे ना आने से दूसरों को कितनी चिंता हुई होगी?
 किसी ने भोजन व दूध को छुआ तक नहीं।
 लेखक को तसल्ली हुई कि लड़के लौट आए बारिश में भी कर नहीं संगीत में देखकर लेखक कुछ क्षणों में फिर अपनी अर्थ चेतना में लौट आया जहां खोया हुआ था उसे लगा कि राम लक्ष्मण सीता अभी भी वन में भीग रहे है
 वर्षा है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही वृक्ष जो छाया देते हैं।
 वर्षा में अधिक कष्ट जाए बन जाते हैं बादल मूसलाधार बरस रहे हैं और मेरे राम ना जाने कबसे भीग रही हैं कुछ जनों के पश्चात राम का भ्रम लेखक का भ्रम टूटता है अनुभव हुआ कि उसके मन और धीरे-धीरे आता है कि राम तुम्हारे कबसे हुए यहां कौन किसका होता है ?
लेखक भले ही विश्वास करें लेखक के मन का चोर की यह बात सच निकली ।मनचाही और अनचाही दोनों तरह की चीजों में कितना बटा हुआ है ।
दूसरे भले ही विश्वास करें किंतु उसके भीतर अतिथि नहीं होती कि मैं किसी का या कोई मेरा है।
 लेखक के मन में एक अन्य विचार भी उभरता है कि क्या बार-बार विचित्र से अनुमन कारण चिंता किसी के लिए होती है ?वह चिंता क्या पढ़ाई के लिए भी होती है ?वह क्या कुछ भी अपना नहीं है इस उम्र में ही क्या राम अपनाने के लिए हाथ नहीं बढ़ाते आए हैं ?क्या मैं कुछ होना और मैं कुछ बनना ही अपनाने की उनकी बड़ी हुई। होड नहीं है ।

लेखक की विचारधारा टूट जाता है। और वह सोचता है कि वह हृदय कहां से लाऊं जिसमें राम को अपना कह सकूं उसमें सीता का ख्याल भी आता है उसके दर्द को अनुभव कर सकूं 1 दिन की मेहमान लड़की के देर से घर पहुंचने का कारण इतनी चिंता हो जाती है उसमें सीता का ख्याल आ जाता है ।
वह राम के मुकुट ,सीता के सिंदूर गिरने की आशंका से जोड़ने जोड़ने आज का दरिद्र हर दिन उदासी को भी ऐसा अर्थ नहीं दे देता जिसे जिंदगी से कुछ उबर सके ।

तभी पूर्व दिशा से उजाला हो जाता है नगर के इस बियाबान में चक्की के साथ कुछ चढ़ती उतरती, गति से हल्की सी सिरहन पैदा कर जाती है।

 मोरे राम के विजय मुकुटवा 

यह पंक्ति लेखक के जीवन में कुछ तरलता वश्य उत्पन्न कर जाती हैं। महीनों से उसने को आती है बस ना पाए यह दूसरी बात है किंतु बरसने के लिए भी प्रभाव का होना भी अति आवश्यक है ।
संख्या कोशिकाओं के कंठ में बसी हुई जो ₹1 है अपनी सृष्टि के संकट में उसके सतत उत्कर्ष के लिए आकुल उस कौशल्या की ओर उस मानवीय संवेदना की ओर ही कहीं रहा है।
 घास के नीचे दबी हुई किंतु आज उस घास को वन्य पशुओं के लिए राजकीय संरक्षित क्षेत्र बनाया जा रहा है ।
बहुत ही आकर्षक स्थली बनाई जा रही है।
 उस मार्ग पर तुलसी और उसके मानस के नाम पर दिखावा किया जाएगा किंतु बारिश में रामकिशोर मुड़े मुड़े होंगे यह पता लगाना बहुत कठिन है।

 प्रमुख बिंदु

1. लेखक ने उन्हें संख्या बेघर एवं अभावग्रस्त व्यक्तियों का वर्णन किया है जिनको समाज भूल गया है।

2.लेखक की मन स्थिति का वर्णन हुआ है जो राम के बारे में सोचते सोचते सभी लोगों के बारे में सोचने लगता है।

3.सीता की मनोदशा का भी सुख संता पूर्ण चित्रण किया गया है ।सीता के कष्टों का वर्णन करके लेखनी सीता के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है।

4.लेखक के मन की उदासी का परिचय दिया है ।

5.लेखक की संवेदना के माध्यम से लोग के अंतर व्यंजन में अंतर वेदना को व्यक्त किया है ।

6.राम के मुकुट के भीगने की जनता को छोड़कर अपने परिजनों की चिंता करने लगता है जो रात के समय संगीत कार्यक्रम को देखने के लिए बाहर गए हुए ।


7.सीता दो बार जंगल की के जीवन की पीड़ा को भूल चुकी है दूसरी बार का निर्वासन अत्यंत दयनीय है।

8. वहां सीता जंगली पशुओं के बीच जीवन व्यतीत करने के लिए विवश हो गई है ।


9. लेखक ने दो पीढियो विचारों में अंतर 
उनकी सोच में अंतर की समस्या को भी उजागर किया है ।

10.अप्रत्यक्ष रूप से आज के बेरोजगार युवकों की पीड़ा की कोई सीमा नजर नहीं आती।

11. अब भी व वर्षा में उनकी आशाएं निरंतर भीग रहा है चिंता करने वाले को शक्ति हैं उनके लिए कोई गीत नहीं गाया जाता ।

12.अप्रत्यक्ष रूप से आज के लाखों करोड़ों बेरोजगार राम इस लोक में दर-दर भटक रहे लेखकों के प्रति चिंता व्यक्त की।

रविवार, 17 मई 2020

b.a. तृतीय वर्ष वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तरी इतिहास सेकंड वर्ल्ड वॉर प्रश्नोत्तरी

b.a. तृतीय वर्ष इतिहास वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तरी
सेकंड वर्ल्ड वॉर
For BA 3rd year Hist. Students (17/5/2020) Unit-3 Objective type questions to learn Ch.-12.  2nd World War

प्रश्न न.1. द्वितीय विश्व युद्ध का तत्कालीन कारण क्या था  ?
उत्तर:-  जर्मनी द्वारा डेंजिग एवं पोलिश गलियारे की मांग करना 
प्रश्न न. 2. द्वितीय विश्वयुद्ध के कोई चार कारण बताये 
उत्तर:-  1.दोषपूर्ण वर्साय संधि, 2.राष्ट्र संघ की असफलता 3.उग्र राष्ट्रवाद 4. नि:शस्त्रीकरण की असफलता 
प्रश्न न. 3.  जर्मनी ऱाष्ट्र संघ से कब अलग हुआ? 
उत्तर:-  1933 ई. में
प्रश्न न.4. रोम-बर्लिन-टोकियो धुरी कब स्थापित हुई  ?
उत्तर:- 1937 ई. 
प्रश्न न. 5.  जर्मनी ने सोवियत संघ के साथ अनाक्रमण संधि कब की  ?
उत्तर:- 13 अगस्त,1939 ई. 
प्रश्न न. 6. द्वितीय विश्वयुद्ध कब व किस घटना से शुरू हुआ  ?
उत्तर:-   हिटलर(जर्मनी) द्वारा पोलैंड पर आक्रमण से 1, सितम्बर 1939 ई. को शुरू हुआ 
प्रश्न न. 7. द्वितीय विश्वयुद्ध कब से कब तक लड़ा गया 
उत्तर:-  1 सितम्बर 1939 से सितम्बर 1945 ई. 
प्रश्न न. 8. सयुक्त राज्य अमेरिका द्वितीय विश्वयुद्ध मे कब व किसकी ओर से शामिल हुआ 
उत्तर :-  8 दिसम्बर 1941 ई.को , ब्रिटेन, फ्रांस व रूस की ओर से 
प्रश्न न. 9 द्वितीय विश्वयुद्ध में अमेरिका के शामिल होने के तत्कालिक कारण क्या था ?
उत्तर:-      तत्कालिक कारण.. जापान द्वारा 7 दिसम्बर 1941 ई. को पर्ल हार्बर (प्रशान्त महासागर में) पर अचानक आक्रमण करना था, यहां पर अमेरिका का नौ-सैनिक अड्डा था 
प्रश्न न. 10.   त्रि-पक्षीय सन्धि कब व किन देशों के बीच हुई
उत्तर:-    27 सितम्बर 1940 ई., को जर्मनी, जापान व इटली के बीच हुई 
प्रश्न न. 11.   इतिहास में वाक्-युद्ध से क्या अभिप्राय है  ?
उत्तर:-   दूसरे विश्व युद्ध में पहले सात महीनो तक ब्रिटेन व फ्रांस की ओर से जर्मनी के खिलाफ कोई विशेष कार्यवाही नही की गयी, युद्घ की इस अवधि को इतिहास में ' वाक्-युद्ध '(Phoney War)  कहा जाता है 
प्रश्न न. 12.  जर्मनी ने नार्वे व डेनमार्क पर कब अधिकार करके उत्तरी यूरोप में महत्वपूर्ण वायु व नौसैनिक अड्डे प्राप्त कर लिए थे  ?
उत्तर:-    अप्रैल 1940 ई. 
प्रश्न न. 13.  जर्मनी ने नीदरलैण्ड, बेल्जियम, लक्समबर्ग व फ्रांस पर कब आक्रमण किया? 
उत्तर:-  10 मई, 1940 ई. को जर्मनी ने इन देशों पर आक्रमण किया, 28   मई तक फ्रांस को छोड़कर शेष तीन देशों पर जर्मनी का अधिकार हो गया ा
प्रश्न न. 14.  इटली दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी की ओर से युद्ध में कब कूदा  ?
उत्तर:-  जर्मनी के फ्रांस विजय अभियान के दौरान 10 जून 1940 को इटली युद्ध में कूदा 
प्रश्न न. 15.  पूरे पश्चिम यूरोप को जीतने के बाद जर्मनी ने इंगलैंड को जीतने के लिए कौनशी योजना बनायी  ?
उत्तर:-  सी- लायन नामक योजना ( Sea-Lion) 
प्रश्न न. 16.  ' सी-लायन ' योजना के अभिप्राय है  ?
उत्तर:-  इसके अंतर्गत इंग्लिश चैनल पर अधिकार करने के लिए ब्रिटिश वायु सेना व नौसेना को निष्प्रभावी बनाना था, इंग्लिश चैनल पर अधिकार करके ही जर्मनी इंगलैंड तक पहुँच सकता था ा
प्रश्न न. 17.  जर्मनी की सी- लायन योजना का क्या परिणाम रहा  ?
उत्तर:-  यह योजना सफल नही हुई, सितम्बर, 1940 से मई, 1941 के बीच जर्मनी के 3000 वायुयान ब्रिटिश तोपों ने नष्ट कर दिये, जबकि ब्रिटेन के मात्र 900 वायुयान नष्ट हुए ा
प्रश्न न.  18. जर्मनी ने सोवियत संघ पर आक्रमण कब किया  ?
उत्तर :-   22 जून , 1941 ई.  
प्रश्न न. 19. सोवियत संघ. और ब्रिटेन के बीच पारस्परिक सहयोग का समझौता कब हुआ? 
उत्तर :-  13 जुलाई, 1941 ई 
प्रश्न न.  20.  सयुक्त राज्य अमेरिका ने दूसरे विश्व युद्घ में कब प्रवेश किया? 
उत्तर:-  संयुक्त राज्य अमेरिका 8 दिसम्बर, 1941 ई. को ब्रिटेन व रूस की ओर से युद्ध में शामिल हुआ ा
प्रश्न न. 21. संयुक्त राज्य अमेरिका का दूसरे विश्व युद्ध में शामिल होने का तत्कालीन कारण क्या था  ?
उत्तर:-  जापान द्वारा 7 दिसम्बर, 1941 ई. को पर्ल हार्बर पर अचानक आक्रमण करना था, प्रशान्त महासागर में पर्ल हार्बर  अमेरिकी नौसेना अड्डा था ा
प्रश्न न. 22. " विजय का शस्त्रागार " किसे और क्यों कहा जाता है  ?
उत्तर:-   अमेरिका का दूसरे विश्व युद्ध में जापान के विरुद्ध प्रवेश कपने के बाद, अमेरिका द्वारा 3 लाख विमान और 500 टैंकों सहित बहुत बडी़ मात्रा में हथियारो का निर्माण किया गया, इसलिए अमेरिका को " विजय का शस्त्रागार "कहा गया 
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BA 3rd year Hist. Unit-3 Objective type questions to learn Ch.-12.  World War -11

प्रश्न न.1. द्वितीय विश्व युद्ध का तत्कालीन कारण क्या था  ?
उत्तर:-  जर्मनी द्वारा डेंजिग एवं पोलिश गलियारे की मांग करना 
प्रश्न न. 2. द्वितीय विश्वयुद्ध के कोई चार कारण बताये 
उत्तर:-  1.दोषपूर्ण वर्साय संधि, 2.राष्ट्र संघ की असफलता 3.उग्र राष्ट्रवाद 4. नि:शस्त्रीकरण की असफलता 
प्रश्न न. 3.  जर्मनी ऱाष्ट्र संघ से कब अलग हुआ? 
उत्तर:-  1933 ई. में
प्रश्न न.4. रोम-बर्लिन-टोकियो धुरी कब स्थापित हुई  ?
उत्तर:- 1937 ई. 
प्रश्न न. 5.  जर्मनी ने सोवियत संघ के साथ अनाक्रमण संधि कब की  ?
उत्तर:- 13 अगस्त,1939 ई. 
प्रश्न न. 6. द्वितीय विश्वयुद्ध कब व किस घटना से शुरू हुआ  ?
उत्तर:-   हिटलर(जर्मनी) द्वारा पोलैंड पर आक्रमण से 1, सितम्बर 1939 ई. को शुरू हुआ 
प्रश्न न. 7. द्वितीय विश्वयुद्ध कब से कब तक लड़ा गया 
उत्तर:-  1 सितम्बर 1939 से सितम्बर 1945 ई. 
प्रश्न न. 8. सयुक्त राज्य अमेरिका द्वितीय विश्वयुद्ध मे कब व किसकी ओर से शामिल हुआ 
उत्तर :-  8 दिसम्बर 1941 ई.को , ब्रिटेन, फ्रांस व रूस की ओर से 
प्रश्न न. 9 द्वितीय विश्वयुद्ध में अमेरिका के शामिल होने के तत्कालिक कारण क्या था ?
उत्तर:-      तत्कालिक कारण.. जापान द्वारा 7 दिसम्बर 1941 ई. को पर्ल हार्बर (प्रशान्त महासागर में) पर अचानक आक्रमण करना था, यहां पर अमेरिका का नौ-सैनिक अड्डा था 
प्रश्न न. 10.   त्रि-पक्षीय सन्धि कब व किन देशों के बीच हुई
उत्तर:-    27 सितम्बर 1940 ई., को जर्मनी, जापान व इटली के बीच हुई 
प्रश्न न. 11.   इतिहास में वाक्-युद्ध से क्या अभिप्राय है  ?
उत्तर:-   दूसरे विश्व युद्ध में पहले सात महीनो तक ब्रिटेन व फ्रांस की ओर से जर्मनी के खिलाफ कोई विशेष कार्यवाही नही की गयी, युद्घ की इस अवधि को इतिहास में ' वाक्-युद्ध '(Phoney War)  कहा जाता है 
प्रश्न न. 12.  जर्मनी ने नार्वे व डेनमार्क पर कब अधिकार करके उत्तरी यूरोप में महत्वपूर्ण वायु व नौसैनिक अड्डे प्राप्त कर लिए थे  ?
उत्तर:-    अप्रैल 1940 ई. 
प्रश्न न. 13.  जर्मनी ने नीदरलैण्ड, बेल्जियम, लक्समबर्ग व फ्रांस पर कब आक्रमण किया? 
उत्तर:-  10 मई, 1940 ई. को जर्मनी ने इन देशों पर आक्रमण किया, 28   मई तक फ्रांस को छोड़कर शेष तीन देशों पर जर्मनी का अधिकार हो गया ा
प्रश्न न. 14.  इटली दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी की ओर से युद्ध में कब कूदा  ?
उत्तर:-  जर्मनी के फ्रांस विजय अभियान के दौरान 10 जून 1940 को इटली युद्ध में कूदा 
प्रश्न न. 15.  पूरे पश्चिम यूरोप को जीतने के बाद जर्मनी ने इंगलैंड को जीतने के लिए कौनशी योजना बनायी  ?
उत्तर:-  सी- लायन नामक योजना ( Sea-Lion) 
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