5955758281021487 Hindi sahitya : सितंबर 2020

बुधवार, 30 सितंबर 2020

हिंदी प्रचार प्रसार में सिनेमा का योगदान

हिंदी भाषा व सिनेमा जगत
सिने जगत के अनेक नायक नायिका, गीतकारों, कहानीकारों और निर्देश को‌‌ को हिंदी के माध्यम से ही पहचान मिली है ।
यही कारण है कि गैर हिंदी भाषी कलाकार भी हिंदी की ओर आए हैं ।
समय और समाज के उभरते सच को पर्दे पर पूरी अर्थवेता में धारणा करने वाले यह लोग दिखावे के लिए भले ही अंग्रेजी के गुलाम होलेकिन बुनियादी और जमीनी हकीकत यही है कि इनकी पूंजी, इनके प्रतिष्ठित रुतबा,प्रतिष्ठा का एकमात्र निमित हिंदी भाषा ही है ।
लाखों करोड़ों दिलों की धड़कन पर राज करने वाले यह सितारे फिल्म और भाषा के सबसे बड़े प्रतिनिधि हैं।

छोटा पर्दा हो या बड़ा पर्दा दोनों ने ही आम जनता के घरों में अपना मुकाम बनाया है ।
हिंदी आम जनता की जीवन शैली बन गई ।
हमारे अध्ययन ग्रंथों रामायण और महाभारत को जब हिंदी में प्रस्तुत किया गया तो सड़कों का कोलाहल सन्नाटे में बदल गया।
 बुनियाद और हम लोग जैसे सीरियल शुरू हुए ,सॉप ओपेरा का दौर हो या सास बहू धारावाहिक का ।
यह सभी हिंदी की रचनात्मकता और उर्वरता के प्रमाण हैं कौन बनेगा करोड़पति से करोड़पति चाहे जो बने हो पर सदी के महानायक की हिंदी हर दिल की धड़कन और हर धड़कन की भाषा बन गई ।
सुर और संगीत की प्रतियोगिताओं में कर्नाटक ,गुजरात ,महाराष्ट्र, असम, सिक्किम जैसे गैर हिंदी क्षेत्रों के कलाकारों ने हिंदी गीतों के माध्यम से अपनी पहचान बनाई।
 गंभीर डिस्कवरी चैनल हो या बच्चों को रिझाने लुभाने वाला टॉम एंड जेरी कार्यक्रम हो करें इनकी हिंदी उच्चारण की मिठास और गुणवत्ता अद्भुत प्रभावशाली है।
 धर्म संस्कृति कला कौशल ज्ञान विज्ञान सभी कार्यक्रम हिंदी की संप्रेषण का यह प्रमाण है।

गोस्वामी तुलसीदास कृत कवितावली उत्तरकांड से

गोस्वामी तुलसीदास कवितावली उत्तर कांड से का सारांश


गोस्वामी तुलसीदास हिंदी साहित्य के भक्ति काल की सगुण धारा की राम शाखा के मुकुट शिरोमणि माने जाते हैं।

इन्होंने अपनी महान रचना रामचरितमानस के द्वारा केवल राम काव्य को ही समृद्ध नहीं किया बल्कि मानस के द्वारा तत्कालीन समाज का भी मार्गदर्शन किया।
 तुलसीदास जी एक भगत होने के साथ-साथ एक लोक नायक भी थे।
तुलसीदास जी ने कवितावली ब्रज भाषा में लिखी है।
 यह कविता में उन्होंने अपने समय का यथार्थ चिंतन कर चित्रण किया है ।
कवि का कथन है कि समाज में किसान, बनिए ,भिखारी नौकर ,चाकर ,चोर सभी की स्थिति अत्यंत दयनीय है ।उच्च वर्ग और निम्न वर्ग धर्म अधर्म का सहारा ले रहा है।
प्रत्येक कार्य करने को मजबूर है।
 लोग अपने पेट की खातिर अपने बेटा बेटी को बेच रही है पेट की आग संसार की सबसे बड़ी पीड़ा है।
 समाज में व्याप्त भुखमरी सबसे सोचनीय दशा है।
 मनुष्य को लाचार बना देता है। 
समाज में किसान के पास करने के लिए खेती नहीं, भिखारी को भीख नहीं मिलती, व्यापारी के पास व्यापार नहीं है नौकरों के पास करने के लिए कोई भी कार्य नहीं है ।
समाज में चारों और बेकारी, भुखमरी, गरीबी और अधर्म का बोलबाला है ।
अब तो ऐसी अवस्था में  दीन दुखियों की रक्षा करने वाले सिर्फ और सिर्फ श्री राम हैं।
 श्री राम की कृपा से ही यह सब दुख दर्द दूर हो सकते हैं ।अंत में कवि ने समाज में फैली जाती पाती और छुआछूत का भी खंडन किया है और श्री राम के द्वारा ही राम राज्य की स्थापना की जाने की कामना की।
काव्य सौंदर्य
समाज का यथार्थ अंकन हुआ है।
कवित्त छंद का प्रयोग हुआ है।
तत्सम प्रधान ब्रज भाषा का प्रयोग हुआ है
अभिधा शब्द शैली का प्रयोग है।
बीमा योजना सुंदर एवं सटीक है।
अनुप्रास पद मैत्री अलंकारों की छटा है।

सोमवार, 14 सितंबर 2020

विज्ञापन माध्यम के गुण

जन माध्यमों को मांग  विक्रय वृद्धि का श्रेष्ठ साधन माना जाता है जिनका उपयोग देश के दूरस्थ भावों तथा विदेश में मैं जनसाधारण तक पहुंचाने के लिए किया जाता है छोटी व्यवसायिक फलों के संदर्भ में भी कुछ विशेष प्रकार के माध्यम में जैसे पर्चियां पोस्टर तथा विज्ञापन पत्तियों के उपयोग में व्यक्तिगत संपर्क की अपेक्षा अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। विज्ञापन को प्रभावशाली ढंग से लक्षित उपभोक्ता तक पहुंचाने के लिए एक अनुकूल माध्यम का चयन भी अति आवश्यक है।
अनुकूल विज्ञापन माध्यम का चयन करते समय मुख्यतः दो विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
1.उपभोक्ता की पहचान
2. विज्ञापन के लिए आवंटित राशि
प्रभावशाली विज्ञापन अभियान के लिए विज्ञापन करता को अपने लक्षित उपभोक्ता की पहचान होने के बाद उस विशेष लक्षित उपभोक्ता को उपलब्ध विभिन्न विज्ञापन माध्यमों का विश्लेषण किया जाता है सर्वाधिक अनुकूल व प्रभावी विज्ञापन माध्यम का चयन अपने विज्ञापन के लिए कर लिया जाता है।
किसी विज्ञापन के संप्रेक्षण के लिए माध्यम विशेष का चयन करने से पहले निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करना चाहिए।
1. माध्यम की भौगोलिक पहुंच जैसे 
अंतरराष्ट्रीय
राष्ट्रीय 
क्षेत्रीय अथवा स्थानीय
2. विशिष्ट वर्ग
जैसे
महिला
बच्चे
व्यवसायियों
अधिकारियों
आदि तक पहुंचने की क्षमता
3.माध्यम की उत्पादन गुण
4. कितने लंबे समय तक विज्ञापन ग्राहकों के सामने टिका रह सकेगा।
आदर्श विज्ञापन माध्यम के गुण
1.पहुंच-माध्यम ऐसा होना चाहिए से अधिक संख्या में लक्ष्य तक पहुंचा जा सके।
2. सस्ता-माध्यम लागत की दृष्टि से अपेक्षाकृत सस्ता होना चाहिए आदर्श माध्यमिक वह होता है जो समय के अनुसार कम से कम लागत में अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंच सके।
3. लचीला-माध्यम को पर्याप्त मात्रा में लचीला भी होना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर संदेश के आकार विन्यास, रंग आदि में परिवर्तन किया जा सके।
4. संदेश-माध्यम ऐसा होना चाहिए जिससे संदेश को वास्तविक अर्थों में श्रोता या उपभोक्ता तक पहुंचाया जा सके 5. उपभोक्ता को भ्रमित करने वाला विज्ञापन नहीं होना चाहिए।
6. पुनरावृति के अवसर-विज्ञापन माध्यम में कुछ निश्चित समय अंतराल पर संदेश को दोहराने की क्षमता भी होनी चाहिए।

माध्यमों का मूल्यांकन
वर्तमान में उपलब्ध है किसी भी विज्ञापन माध्यम मैं आदर्श माध्यम के सभी गुण विद्यमान नहीं है किसी भी माध्यम से पहुंच तो बहुत अधिक है लेकिन वह अत्यधिक महंगा है प्रत्येक माध्यम से छात्रों में आदर्श है तो उसमें कुछ दोष भी विज्ञापन माध्यम का चयन करते समय काफी सतर्क रहना चाहिए और सभी उपलब्धियों का मूल्यांकन कर लेना चाहिए।
समय की मांग के अनुसार अनुसार सभी विज्ञापनों का अलग-अलग प्रयोग करना चाहिए ।
जैसे 
समाचार पत्र
 पत्रिकाएं 
रेडियो 
टेलीविजन
 फिल्म
सोशल मीडिया फेसबुक
 टि्वटर 
इंस्टाग्राम 
युटुब

मंगलवार, 1 सितंबर 2020

कोरोना संकट में सफलता के सूत्र

कोरोना संकट में सफलता प्राप्ति हेतु अवश्यक सूत्र
भाग्य भी एक अवसर है तो कोरोना भी अवसर है।
luck -labour under correct knowledge
2  .नियमित  सही  अध्ययन
3. असफलता की जिम्मेदारी लेना।


4.मेरी मुलाकात अक्सर ऐसे लोगों से होती है जो जीवन में सफल नहीं होते हैं निराशा में डूबे रहते हैं मैं अपनी तरफ से यही सलाह देता हूं कि कभी निराश ना हो। निरंतर प्रयास करना ना छोड़े।
5. करो ना संकट में संभावनाओं की तलाश करें।
6.कोई भी सेलिब्रिटी या बड़ा व्यक्ति एक दिन में महान नहीं बनता उसके पीछे बहुत सारे प्रयास क होते हैं।
7.इंसान की प्रवृत्ति है कि वह हर हाल में अपने आप को श्रेष्ठ समझते हैं अपनी गलतियों को जल्दी से स्वीकार करना ही नहीं चाहता जब सफल होता है तब सारा श्रेय खुद लेना चाहता है और असफल होने पर है सफलता की जिम्मेदारी को स्वीकार करने की बजाय अपनी तकदीर को ही खराब बताते अच्छी बात यह होगी कि हम सही दिशा में पूरी लगन से मेहनत करें सफलता एक दिन जरूर आएगी।
8. कुछ सफल लोग किस्मत का नाम देते हैं वास्तव में वह एक अवसर होता है अवसर हमें जी हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं जिसे हम भाग्य किस मतलब का नाम देते हैं वह वास्तव में अवसर होता है जो सभी के जीवन में कभी न कभी उसे जरूर प्राप्त होता है।
9.काम की बात यह है कि अब इस कोरोनावायरस गर नकारात्मक रूप से लेंगे तो यह संभावना की बजाय आपको संकट दिखाई देगा नहीं तो यह आपके लिए संभावना बन जाए यह डिपेंड आप पर ही करता है सफलता के इंतजार में पूरी जिंदगी आप बैठे रह जाएंगे अगर किस्मत के भरोसे रहेंगे तो।
10. चीन की एक कहावत मुझे याद आती है की हजारों कदमों की यात्रा सिर्फ एक ही कदम से शुरू होती है।
11.कहने का अभिप्राय यह है कि अगर किस्मत के भरोसे बैठोगे तो बहुत सारे अवसरों को हवा दोगे करो ना कॉल में संभावनाएं तलाशी ए अपनी क्षमताओं और संसाधनों के अनुसार अनुसार कठोर परिश्रम करना शुरू कर दीजिये सफलता अवश्य मिलेगी ।
धन्यवाद