5955758281021487 Hindi sahitya : संक्षेपण की परिभाषा प्रक्रिया के नियम और प्रमुख विशेषताएं

रविवार, 8 नवंबर 2020

संक्षेपण की परिभाषा प्रक्रिया के नियम और प्रमुख विशेषताएं

संक्षेपण की परिभाषा
संक्षेपण की प्रक्रिया के नियम
उस की प्रमुख विशेषताएं
उदाहरण
b.a. तृतीय वर्ष
पांचवा सेमेस्टर
प्रयोजनमूलक हिंदी में संक्षेपण प्रक्रिया का अत्यधिक महत्व है आज मानव जीवन की गति व दिनचर्या अत्यंत तीव्र होती जा रही है मानव अपनी जीवन के अत्यधिक व्यवस्थाओं के कारण हर कार्य को शीघ्रता से निपटाना चाहता है इसी कारण आज मानव को अपने भाव की अभिव्यक्ति प्रदान करने के लिए सीमित शब्दों के प्रयोग में सिद्धहस्त होने की जरूरत है इसीलिए मनुष्य के जीवन में संशोधन की आवश्यकता दिन प्रतिदिन अधिक अनुभव की जा रही है संक्षेपण की भाषा सूत्र आत्मक और अपने आप में पूर्ण होनी चाहिए।
इस प्रकार आज विभिन्न परीक्षाओं में भी अत्यंत सीमित शब्दों में उत्तर देने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है आज पत्रकारिता में भी अत्यंत सीमित समय तथा स्थान में अधिक से अधिक विषय को प्रकाशित करने के लिए संक्षेपण का महत्व बढ़ता जा रहा है।
संक्षेपण की परिभाषा
संक्षेपण शब्द का सामान्य अर्थ है किसी कथन या लिखित भाव को संपूर्ण एवं सारे रूप में प्रस्तुत करना।
किसी विस्तृत विषय वस्तु या संदर्भ को कम से कम शब्दों में प्रस्तुत करना ही संक्षेपण कहलाता है संक्षेपण में कथ्य के अनावश्यक अप्रासंगिक और अन्य उपेक्षित हंस को छोड़ते हुए मूल बात को ध्यान में रखकर कम से कम शब्दों में मैं प्रस्तुतीकरण संक्षेपण कहलाता है।
परिभाषा
नरेश मिश्र के अनुसार
संक्षेपण वास्तव में कम से कम शब्दों में लिखी गई स्वत पूर्ण रचना होती है संक्षेपण में पाठ के सभी तत्वों का क्रम से संस्कृत रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

संक्षेपण और सार में अंतर
कुछ विद्वान सार और संक्षेपण को एक दूसरे का पर्यायवाची मानती हैं किंतु यह उचित नहीं है सार में पाठ के सभी तथ्यों की चर्चा अवश्य नहीं होती केवल केंद्रीय भाव ही संक्षिप्त रूप से प्रस्तुत किया जाता है जबकि संक्षेपण में सभी तथ्यों की प्रस्तुति मूल क्रम में कम से कम शब्दों में की जाती है सार तथा संक्षेपण दोनों में भाव प्रस्तुत करने के लिए सीमित शब्दों को अपनाने की प्रक्रिया होती है संक्षेपण में मूल पाठ का लगभग एक तिहाई भाग होना आवश्यक है जबकि शहर में ऐसा कोई नियम नहीं होता है।

संक्षेपण प्रक्रिया के नियम
संक्षेपण एक कला है इसमें भाव्या अभिव्यक्ति की शक्ति और निपुणता का विकास होता है भाषा पर सहज अधिकार हो जाता है व्यक्ति के व्यक्तित्व को आकर्षक बनाती है कुछ बातों का ध्यान देना अति आवश्यक होता है जो इस प्रकार से हैं।
1. मूल पाठ को दो-तीन बार पढ़कर उसकी केंद्रीय भाव को समझ लेना चाहिए।
2. मूल बात को शुद्ध रूप में अभिव्यक्त की करना चाहिए उसकी व्याख्या नहीं करनी चाहिए।
3. मूल पाठ का सिर्फ एक तिहाई भाग ही होना चाहिए।
4. संक्षेपण लेखन के वाक्य छोटे-छोटे और सरल भाषा में होनी चाहिए।
5.संक्षेपण में कुछ भी अपनी तरफ से नहीं जोड़ना चाहिए।
6.संक्षेपण स्वयं में एक स्वतंत्र सुगठित और प्रभावपूर्ण अनुच्छेद होना चाहिए।
7.यथा स्थान पर विराम चिन्हों का अनुकूल प्रयोग करना चाहिए।
संक्षेपण की विशेषताएं
1. संक्षिप्तता
2. पूर्णता
3. क्रमबद्धता
4. स्पष्टता
5. मौलिकता
6. समाहार शक्ति
उदाहरण
अनुच्छेद
मेरा यह मतलब कदापि नहीं कि विदेशी भाषाएं सीखने ही नहीं चाहिए नहीं आ सकता। अनुकूलता ,अवसर और अवकाश होने पर हमें एक नहीं, अनेक भाषाएं सीख कर ज्ञानार्जन करना चाहिए ।द्वेष किसी भाषा से नहीं करना चाहिए ।ज्ञान कहीं भी मिलता हो उसे ग्रहण कर लेना चाहिए ।परंतु अपनी भाषा और उसके साहित्य को प्रधानता देनी चाहिए ।क्योंकि अपना अपने देश का ,अपनी जाति का उपहार और कल्याण अपनी ही भाषा के साहित्य की उन्नति से हो सकता है। ज्ञान ,विज्ञान ,धर्म और राजनीति की भाषा सदैव लोक भाषा ही होनी चाहिए ।तो अपनी भाषा के साहित्य की सेवा और अभिवृद्धि करना सभी दृष्टिकोण से हमारा परम कर्तव्य है।

संक्षेपण
विदेशी भाषाओं का विरोध न करके आवश्यकता और सुविधा के अनुसार सभी भाषाओं से ज्ञान लेना चाहिए परंतु अपने राष्ट्र का उपकार और कल्याण अपनी भाषा के साहित्य से ही संभव है अतः यह हमारा परम धर्म है कि हम अपनी भाषा और उसके साहित्य की अभिवृद्धि करें।

शीर्षक अपनी भाषा का महत्व

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