प्रश्न : संचार की परिभाषा, अवधारणा, प्रकार, महत्व तथा माध्यमों की व्याख्या कीजिए।
1. संचार की परिभाषा (Definitions of Communication)
संचार वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति अपने विचार, भावनाएँ, अनुभव, ज्ञान या संदेश दूसरे व्यक्ति तक पहुँचाता है और दूसरा व्यक्ति उसे समझकर प्रतिक्रिया देता है।
मुख्य बिंदु :
1. संचार का अर्थ है साझा करना (To share)।
2. ‘Communication’ शब्द Communis (Common) से बना है, जिसका अर्थ है—समानता स्थापित करना।
3. संचार दो-तरफ़ा प्रक्रिया है जिसमें विचार → संदेश → प्रतिक्रिया शामिल है।
4. संदेश तभी संचार कहलाता है जब वह समझा भी जाए।
5. संचार केवल शब्दों से नहीं, बल्कि हावभाव, संकेत, लिखावट, छवियों आदि से भी होता है।
2. संचार की अवधारणा (Concept of Communication)
संचार एक ऐसी सामाजिक-मानसिक प्रक्रिया है जो दो या अधिक व्यक्तियों को एक सूत्र में बाँधती है। इसके माध्यम से समाज में सूचना, विचार, भावनाएँ तथा संस्कृति सामूहिक रूप से निर्मित और विस्तृत होती है।
मुख्य बिंदु :
1. संचार मानवीय संबंधों की मूलभूत जरूरत है।
2. यह साझा समझ (Mutual Understanding) का निर्माण करता है।
3. संचार में प्रेषक, संदेश, माध्यम, ग्राहक और प्रतिक्रिया प्रमुख तत्व हैं।
4. संचार का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि प्रभावित करना, समझाना, प्रेरित करना भी है।
5. संचार संस्कृति, समाज और संगठन की जीवन-रेखा है।
3. संचार के प्रकार (Types of Communication)
संचार अनेक रूपों में होता है। इसे विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जाता है:
(क) अभिव्यक्ति के आधार पर (On the basis of Expression)
1. मौखिक संचार (Verbal Communication)
इसमें शब्दों द्वारा जानकारी दी जाती है।
भाषण, वार्तालाप, भाषण, टेलीफोन वार्ता, कक्षा शिक्षण आदि।
विशेषताएँ:
1. समय की बचत।
2. त्वरित प्रतिक्रिया।
3. व्यक्तिगत संपर्क मजबूत।
2. लिखित संचार (Written Communication)
पत्र, ईमेल, नोटिस, रिपोर्ट, संदेशपत्र आदि लिखित माध्यम हैं।
विशेषताएँ:
1. स्थाई रिकॉर्ड मिलता है।
2. सटीकता व स्पष्टता।
3. संगठनात्मक कार्यों में उपयोगी।
3. अवौकिक/गैर-मौखिक संचार (Non-verbal Communication)
चेहरे के भाव, आवाज़ का उतार-चढ़ाव, आंखों की भाषा, शरीर की भंगिमाएँ।
विशेषताएँ:
1. संप्रेषण में 60–70% भूमिका।
2. भावनात्मक संदेशों में अत्यंत प्रभावी।
(ख) दिशा के आधार पर (On the basis of Direction)
1. ऊर्ध्व संचार (Upward Communication)
अधीनस्थ से अधिकारी की ओर।
रिपोर्ट, सुझाव, शिकायतें आदि।
2. अधोमुखी संचार (Downward Communication)
अधिकारी से अधीनस्थ की ओर।
आदेश, निर्देश, परिपत्र आदि।
3. क्षैतिज संचार (Horizontal Communication)
समान स्तर के व्यक्तियों/विभागों के बीच।
तालमेल एवं सहयोग बढ़ता है।
(ग) औपचारिकता के आधार पर (On the basis of Formality)
1. औपचारिक संचार (Formal Communication)
संगठन/संस्था की निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार।
अधिक विश्वसनीय एवं नियंत्रित संचार।
2. अनौपचारिक संचार (Informal Communication)
व्यक्तिगत एवं सामाजिक संबंधों पर आधारित।
ग्रेपवाइन, मित्र समूह, सहकर्मी वार्ता आदि।
(घ) माध्यम के आधार पर (On the basis of Medium)
1. व्यक्तिगत संचार (Interpersonal Communication)
दो व्यक्तियों के बीच सीधा संवाद।
2. समूह संचार (Group Communication)
बैठक, संगोष्ठी, विचार-विमर्श आदि।
3. जनसंचार (Mass Communication)
बड़ी संख्या में लोगों तक संदेश पहुँचाना।
टीवी, रेडियो, समाचार-पत्र, सोशल मीडिया आदि।
4. संचार का महत्व (Importance of Communication)
संचार का महत्व व्यक्तिगत, सामाजिक, शैक्षिक, प्रशासनिक एवं संगठनात्मक—सभी स्तरों पर अत्यंत गहरा है।
(क) व्यक्तिगत स्तर पर (Personal Level)
1. आत्म-अभिव्यक्ति की क्षमता बढ़ती है।
2. आत्मविश्वास का विकास होता है।
3. बेहतर संबंध स्थापित होते हैं।
4. व्यक्तित्व विकास होता है।
5. समस्या समाधान की क्षमता विकसित होती है।
(ख) सामाजिक स्तर पर (Social Level)
1. समाज में समन्वय और एकता बनी रहती है।
2. सामाजिक मूल्यों का प्रसार होता है।
3. सांस्कृतिक परंपराएँ एक पीढ़ी से दूसरी तक पहुँचती हैं।
4. सामाजिक परिवर्तन को दिशा मिलती है।
5. लोकतंत्र की मजबूती में संचार की प्रमुख भूमिका है।
(ग) शैक्षिक स्तर पर (Educational Level)
1. ज्ञान के आदान-प्रदान का मुख्य साधन।
2. शिक्षक-छात्र संबंध मजबूत होते हैं।
3. शिक्षण में प्रभावशीलता बढ़ती है।
4. ई-लर्निंग, स्मार्ट क्लास, वीडियो लेक्चर संचार पर आधारित हैं।
5. शोध और विश्लेषण क्षमता विकसित होती है।
(घ) संगठन/प्रशासन में (Organizational Level)
1. कार्य की निरंतरता एवं अनुशासन बनाए रखता है।
2. निर्णय-निर्धारण में सहायता करता है।
3. कर्मचारियों में प्रेरणा और सहयोग बढ़ता है।
4. विवाद एवं गलतफहमी कम होती है।
5. उत्पादकता एवं कार्य-संतुष्टि बढ़ती है।
(ङ) राष्ट्र एवं मीडिया स्तर पर (National & Media Level)
1. जनमत निर्माण में सहायक।
2. राष्ट्रीय एकता को मजबूत करता है।
3. आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक चेतना में उपयोगी।
4. सरकारी नीतियों का प्रसार मीडिया के माध्यम से।
5. डिजिटल संचार ने वैश्विक संपर्क को आसान बनाया।
5. संचार के माध्यम (Media/Channels of Communication)
संचार के माध्यम वह रास्ते या साधन हैं जिनसे संदेश प्रेषक से प्राप्तकर्ता तक पहुँचता है।
(क) पारंपरिक माध्यम (Traditional Media)
1. लोकगीत, लोकनृत्य
2. कठपुतली, नौटंकी
3. पाठशाला/सभा
4. भू-नाट्य एवं लोक मंच
(ख) मुद्रित माध्यम (Print Media)
1. समाचार-पत्र
2. पत्रिकाएँ
3. पुस्तकें
4. पोस्टर, बैनर
5. सरकारी नोटिस/परिपत्रों
(ग) इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (Electronic Media)
1. रेडियो
2. दूरदर्शन
3. फिल्में
4. इंटरनेट आधारित न्यूज पोर्टल
(घ) डिजिटल/सोशल मीडिया (Digital & Social Media)
1. मोबाइल फोन
2. सोशल नेटवर्क (Facebook, Instagram, YouTube)
3. ईमेल, व्हाट्सऐप
4. ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म
5. वेबसाइट, ब्लॉग
(ड़) व्यक्तिगत माध्यम (Personal Channels)
1. आमने-सामने बातचीत
2. परिवारिक संचार
3. मित्र समूह
4. शिक्षक-विद्यार्थी संवाद
निष्कर्ष (Conclusion)
संचार मानव जीवन की सबसे आवश्यक प्रक्रिया है। इसके बिना समाज, संस्कृति, संगठन, प्रशासन, शिक्षा और राष्ट्र—कुछ भी सुचारू रूप से नहीं चल सकता। संचार ही मनुष्य को विचारवान, सामाजिक, संगठित और संवेदनशील बनाता है। आज के वैश्विक डिजिटल युग में संचार के साधन अत्यधिक विस्तृत हो गए हैं, जिससे सूचना का प्रवाह तेज, प्रभावी और सुलभ हुआ है। इसलिए संचार को आधुनिक जीवन की जीवन-रेखा (Lifeline) कहा जाता है।