5955758281021487 Hindi sahitya : निबंध किसे कहते हैं निबंध का स्वरूप परिभाषा और विशेषताएं लिखिए।

बुधवार, 13 जनवरी 2021

निबंध किसे कहते हैं निबंध का स्वरूप परिभाषा और विशेषताएं लिखिए।

निबंध किसे कहते हैं इसका स्वरूप, परिभाषा और विशेषताएं लिखिए
b.a. m.a. हिंदी की क्लासेज के लिए
यदि पद्य कविताओं की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौटी है आचार्य रामचंद्र शुक्ल
यदि कोई अच्छा कवि जीवन की व्याख्या करता है तो वह एक अच्छा आलोचक हमें वह व्याख्या समझाने में सहायक होता है।
निबंध
भूमिका

निबंध गद्य को एक विचार प्रधान विधा है जो अपने वर्तमान रूप में आकर और शैली की दृष्टि से अर्वाचीन है संस्कृत साहित्य में भी निबंध शब्द का प्रचलन रहा है वहां उसका प्रयोग गद्दे के साथ-साथ बंधन या बांधी के अर्थ में किया जाता था बंधन के अर्थ में इस शब्द का प्रयोग गीता में दिखाई पड़ता है।
निबंध का इतिहास

निबंध के संदर्भ में डॉक्टर लक्ष्मीसागर वर्षा के विचारों यह स्पष्ट होता है कि हिंदी में निबंध रचना भी खड़ी बोली गद्य की विशेषता है और अभी इसका इतिहास एक शताब्दी पुराना नहीं है निबंध शब्द प्राचीन है किंतु निबंध रचना हिंदी की साहित्यिक चेतना का प्रतीक है गद्दे की विचार प्रधान विधाओं में निबंध का अपना एक विशेष स्थान है इसके महत्व का प्रतिपादन करते हुए रामचंद्र शुक्ल कह चुके हैं कि यह पद्य कविताओं की कसौटी है तो गद्दे निबंध की कसौटी है अर्थात गद्य के श्रेष्ठतम रूप के दर्शन निबंध में ही होती है ।

शाब्दिक अर्थ
हिंदी का शब्द निबंध अंग्रेजी के ऐसे शब्द का पर्याय है ऐसे का अर्थ होता है एस्से।

परिभाषा

 किसी निश्चित विषय पर विचारों को श्रंखला बद रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास यह निबंध कहलाता है ।
निबंध का वर्तमान स्वरूप पश्चिम की देन है पाश्चात्य विद्वानों द्वारा इसके रूप पर प्रस्तुत विवेचना का उल्लेख करना है संगत ना होगा।
निबंध का महत्व
निबंध शब्द अंग्रेजी के ऐसे शब्द का समानार्थी है ऐसे शब्द का अर्थ होता है प्रयत्न या प्रयास करना फ्रांस के प्रसिद्ध निबंध लेखक मॉन्टेनर के अनुसार ऐसे व्यक्तिगत विचार या अनुभूति को कलात्मक सूत्र में पिरो कर पाठक के सामने प्रस्तुत करने का एक प्रयत्न मात्र है अपने निबंधों के संबंध में माउंटेन का कहना है कि यह मेरी अपनी भावनाएं हैं इनके द्वारा में किसी नवीन सत्य के अन्वेषण का दावा नहीं करता इनके द्वारा मैं अपने आप को पाठकों की सेवा में समर्पित करता हूं इस उदाहरण के द्वारा हमें निबंध का स्वरूप स्पष्ट हो जाता है निबंध में निबंधकार के व्यक्तित्व की प्रधानता रहती है व्यक्तित्व की प्रधानता में ही व्यक्त निबंध का महत्व निहित है साहित्य के अन्य किसी अंग में साहित्यकार के व्यक्तित्व की इतनी प्रधानता नहीं रहती है
निबंध के प्रकार
निबंधों के प्रमुख चार प्रकार होते हैं 
कथात्मक निबंध
 वर्णनात्मक निबंध 
विचारात्मक निबंध 
 भावात्मक निबंध 
कथात्मक निबंध -इन निबंधों में काल्पनिक इतिवृतों, , आत्मकथात्मक वृत्तातों तथा ऐतिहासिक कथाओं को निबंध के रूप में प्रस्तुत किया जाता है वर्णनात्मक निबंध
 इन निबंधों में स्वर में प्रकृति दृश्य तथा मानवीय जीवन से संबंधित कतिपय घटनाओं को प्रस्तुत किया जाता है ।
विचारात्मक निबंध 
इन्हें चिंतन आत्मक निबंध भी कहा जाता है इसमें बुद्धि तत्व की प्रधानता रहती है विचारों की बहुलता के कारण यह निबंध थोड़े जटिल हो जाती हैं ।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंध है इसी कोटि के अंतर्गत आते हैं ।
भावात्मक निबंध 
इन में बुद्धि तत्व की अपेक्षा भावना की प्रधानता रहती है निबंध में भावनाओं का तूफान सा पड़ता है अध्यापक पूर्ण सिंह के निबंध है।
 इसी कोटि के  निबंधों की शेैली विषयों के साथ-साथ मनीषियों द्वारा सामान्यतः निबंधों का विभाजन 5 शैली में किया जाता है।।
 समास शैली
 व्यास शैली 
तरंग शैली 
विक्षेप शैली और धारा शैली
 समास शैली में कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए लेखक तत्सम शब्दों का आश्रय लेता है ।इनमें कहीं ना कहीं भाषा की कथा भी हो जाती है आचार्य शुक्ल की निबंध इसी शैली में लिखे हैं ।

व्यास शैली 
व्यास शैली के अंतर्गत छोटे-छोटे व्यक्तियों में अपने को प्रस्तुत किया जाता है ।आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी इस शैली के लेखक थे इस शैली में भाषा के परिमार्जन पर बल दिया जाता है ।
तरंग शैली 
लहरों के उतार-चढ़ाव के समान यहां भाव का उतार-चढ़ाव रहता है भाषा की एकरूपता नहीं रहती है भावात्मक निबंधों में इसका प्रयोग किया जाता है योगी हरि और सरदार पूर्ण सिंह के निबंध इसी शैली का एक उदाहरण है।
 विक्षेप शैली 
यहां तक का आश्रय लेकर हवाओं को निरंकुश रूप से प्रस्तुत किया जाता है कभी-कभी बुद्धि के नियंत्रण के अभाव में यहां पर अंगल पर लाभ भी दिखाई पड़ता है इसे विक्षेप शैल कहा जाता है।
 धारा शैली
 इस शैली के अंतर्गत लेखक के विचार धाराप्रवाह में प्रवाहित होते दृष्टिगोचर होते हैं यहां दक्षता प्रधान रहता है प्रभाव निरंकुश होकर विचारों में समन्वित हो जाते ही यहां बुद्धि तत्व भाव के प्रभाव में बाधक ना होकर साधक होता है अध्यापक पूर्ण सिंह का मजदूरी और प्रेम निबंध इसक उत्कृष्ट उदाहरण है।
 निष्कर्ष-संक्षेप में कहा जा सकता है कि निबंध की शैली में प्रवाह संगीत सरलता के साथ-सथ शब्द शक्तियों और अलंकारों मुहावरों तथा लोकोक्तियों का प्रयोग भी अपेक्षित है। निबंध साहित्यकार की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति का एक माध्यम है जिसमें वह अपने व्यक्तित्व अपने विचारों अपने युग की युगबोध को श्रंखला बद रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास करता है।

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