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शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

हिंदी साहित्य प्रश्नोत्तरी

हिंदी साहित्य
✒  *HINDI SPECIAL*

प्रश्‍न 1- किस युग को आधुनिक हिन्दी कविता का सिंहद्वार कहा जाता है। 
उत्‍तर - भारतेन्दु युग को । 
प्रश्‍न 2- द्विवेदी युग के प्रवर्तक कौन थे। 
उत्‍तर - महावीर प्रसाद द्विवेदी । 

प्रश्‍न 3- हिन्दी का पहला सामाजिक उपन्यास कौन सा माना जाता है। 
उत्‍तर - भाग्यवती । 

प्रश्‍न 4- सन् 1950 से पहले हिन्दी् कविता किस कविता के रूप में जानी जाती थी। 
उत्‍तर - प्रयोगवादी । 

प्रश्‍न 5- ब्रज भाषा का सर्वोत्त‍म कवि है। 
उत्‍तर - सूरदास । 

प्रश्‍न 6- आदिकाल के बाद हिन्दी में किस साहित्य का उदय हुआ । 
उत्‍तर - भक्ति साहित्य का । 

प्रश्‍न 7- निर्गुण भक्ति काव्य के प्रमुख कवि है। 
उत्‍तर - कबीरदास । 

प्रश्‍न 8- किस काल को स्वर्णकाल कहा जाता है। 
उत्‍तर - भक्ति काल को । 

प्रश्‍न 9- हिन्दी का आदि कवि किसे माना जाता है। 
उत्‍तर - स्व्यंभू । 

प्रश्‍न 10- आधुनिक काल का समय कब से माना जाता है। 
उत्‍तर - 1900 से अब तक । 

प्रश्‍न 11- जयशंकर प्रसाद की सर्वश्रेष्ठ रचना कौन सी है। 
उत्‍तर - कामायनी । 

प्रश्‍न 12- बिहारी ने क्या लिखे है। 
उत्‍तर - दोहे । 

प्रश्‍न 13- कबीर किसके शिष्य थे। 
उत्‍तर - रामानन्द । 

प्रश्‍न 14- पद्यावत महाकाव्य कौन सी भाषा में लिखा है। 
उत्‍तर - अवधी । 

प्रश्‍न 15- चप्पू किसे कहा जाता है। 
उत्‍तर - गद्य और पद्य मिश्रित रचनाओं को । 

प्रश्‍न 16- कलाधर उपनाम से कविता कौन से कवि लिखते थे। 
उत्‍तर - जयशंकर प्रसाद । 

प्रश्‍न 17- रस निधि किस कवि का उपनाम है। 
उत्‍तर - पृथ्वी सिंह । 

प्रश्‍न 18- प्रेमचन्द्र के अधुरे उपन्यांस का नाम है। 
उत्‍तर - मंगलसूत्र । 

प्रश्‍न 19- हिन्दी का सर्वाधिक नाटककार कौन है। 
उत्‍तर - जयशंकर प्रसाद । 

प्रश्‍न 20- तुलसीकृत रामचरित मानस में कौन सी भाषा का प्रयोग किया गया है। 
उत्‍तर - अवधी भाषा का प्रयोग किया गया है। 

प्रश्‍न 21- एकांकी के जन्मदाता कौन है। 
उत्‍तर - धर्मवीर भारती । 

प्रश्‍न 22- मीराबाई ने किस भाव से कृष्ण की उपासना की । 
उत्‍तर - माधुर्य भाव से । 

प्रश्‍न 23- रामचरित मानस का प्रधान रस है।
उत्‍तर - शान्त रस । 

प्रश्‍न 24- सबसे पहले अपनी आत्मकथा हिन्दी में किसने लिखी । 
उत्‍तर - डॉं. राजेन्द्र प्रसाद ने । 

प्रश्‍न 25- हिन्दी कविता का पहला महाकाव्य् कौन सा है। 
उत्‍तर - पृथ्वीराज रासो । 

प्रश्‍न 26- हिन्दी के सर्वप्रथम प्रकाशित पत्र का नाम क्या है। 
उत्‍तर - उदन्ड मार्तण्ड । 

प्रश्‍न 27- हिन्दी साहित्य की प्रथम कहानी है। 
उत्‍तर - इन्दुमती । 

प्रश्‍न 28- आंचलिक रचनाऍं किससे सम्बन्धित होती है। 
उत्‍तर - क्षेत्र विषेश से । 

प्रश्‍न 29- पृथ्वीराज रासो किस काल की रचना है । 
उत्‍तर - आदिकाल की । 

प्रश्‍न 30- हिन्दी गद्य का जन्म दाता किसको माना जाता है। 
उत्‍तर - भारतेन्दु हरिचन्‍द्र जी को । 

प्रश्‍न 31- कवि कालिदास की ‘अभिज्ञान शाकुन्त‍लम्’ का हिन्दी अनुवाद किसने किया। 
उत्‍तर - राजा लक्ष्मणसिंह ने । 

प्रश्‍न 32- पद्य साहित्य को कितने भागों में बॉंटा गया है। 
उत्‍तर - पन्द्रह भागों में । 

प्रश्‍न 33- कवि नरेन्द्र शर्मा ने राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के निधन से प्रभावित होकर कौन सी रचना की । 
उत्‍तर - रक्त चन्दन की रचना की । 

प्रश्‍न 34- नाट्यशास्त्रकारों द्वारा अमान्य रस कौन सा है। 
उत्‍तर - वीभत्स रस । 

प्रश्‍न 35- काव्य शास्त्र का प्राचीनतम नाम क्या था। 
उत्‍तर - अलंकार शास्त्र । 

प्रश्‍न 36- रीति सम्प्रदाय के संस्थापक कौन थे। 
उत्‍तर - आचार्य वामन । 

प्रश्‍न 37- हिन्दी में काव्य शास्त्र के प्रथम आचार्य कौन है। 
उत्‍तर - केशवदास । 

प्रश्‍न 38- साहित्य शब्द् किस शब्द से बना है। 
उत्‍तर - सहित शब्द से बना है। 

प्रश्‍न 39- हिन्दी साहित्य में जीवनी साहित्य का प्रारम्भ कौन से युग में हुआ । 
उत्‍तर - भारतेंदु युग में । 

प्रश्‍न 40- हिन्‍दी भाषा और सांहित्‍य के लेखक है। 
उत्‍तर - श्‍यामसुंदरदास । 

प्रश्‍न 41- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । यह किसने कहा । 
उत्‍तर - अरस्तू ने । 

प्रश्‍न 42- भाषा किसे कहते है। 
उत्‍तर - मनुष्य अपने मानसिक विचारों की अभिव्यक्ति के लिए जिस माध्यम का प्रयोग करता है। वह भाषा कहलाती है। 

प्रश्‍न 43- भाषा शब्द की उत्पत्ति कहॉ से हुई है। 
उत्‍तर - भाषा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के भाष धातु से हुई है। 

प्रश्‍न 44- सामान्य् शब्दों मे हम भाषा को किस तरह से व्यक्तु करेगे । 
उत्‍तर - भाषा वह साधन है । जिसके द्वारा मनुष्य अपने भावों या विचारों को बोलकर या लिखकर दूसरे मनुष्यो तक पहुँचाता है। 

प्रश्‍न 45- भाषा को मोटे रूप में कितने भागों मे बांटा गया है। 
उत्‍तर - भाषा को मोटे रूप में 2 भागों मे बांटा गया है। 
1. लिखित भाषा
2. मौखिक भाषा 

प्रश्‍न 46- हिन्दी भाषा का सम्बंन्ध किस लिपि से है। 
उत्‍तर - देवनागरी लिपि से है.   


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•───────────────────•
1. निम्न में से कौन अधिकारी के नाम से विख्यात थे ?
(अ) नंददास (ब) छीतस्वामी
(स) कृष्णदास ✔️ (द) परमानंददास

2. सुमेलित कीजिए-
(कवि)                (जन्म स्थान)
(क) परमानंददास    1. सूकरक्षेत्र के अनुसार गांव में
(ख) कृष्णदास        2. कन्नौज (उत्तरप्रदेश)
(ग) नंददास           3. आंतरी गांव (भरतपुर)
(घ) गोविन्द स्वामी   4. रामनगर राज्य के चिलोतरा गाँव में

कूट –
क ख ग घ
(अ) 4 2 1 3
(ब) 2 4 1 3 ✔️
(स) 2 4 3 1
(द) 2 1 4 3

3. नंददास द्वारा रचित एक प्रकार का पर्याय कोशग्रन्थ है ?
(अ) रूपमंजरी          (ब) अनेकार्थ मंजरी✔️
(स) रास पंचाध्यायी     (द) राम मंजरी

4. शब्दों के प्रति सजग होने के कारण किस कवि को ’जङिया’ की उपाधि प्रदान की गई ?
(अ) कृष्णदास (ब) परमानंद दास
(स) चतुर्भुजदास (द) नंददास✔️

5. ’भँवरगीत’ नंददास के परिपक्क दर्शनज्ञान, विवेकबुद्धि, तार्किक शैली और कृष्ण भक्ति का परिचायक काव्य है। ’भंवरगीत’, के पूर्वार्द्ध में गोपी-उद्धव संवाद है और उत्तरार्द्ध में कृष्ण-प्रेम में गोपियों की विरहदशा का वर्णन है।’ कथन है ?
(अ) आचार्य शुक्ल (ब) डाॅ. नगेन्द्र✔️
(स) हजारी प्रसाद द्विवेदी (द) गणपतिचन्द्र गुप्त

6. नंददास ने अपनी किस कृति में लौकिक व अलौकिक प्रेम को समन्वित रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है ?
(अ) नंदपदावली           (ब) सुदामाचरित में
(स) रास पंचाध्यायी✔️     (द) राम मंजरी में

7. नंददास कृत रचनाएँ है ?
(अ) रूक्मिणीमंगल, भंवरगीत, रासपंचाध्यायी
(ब) सुदामाचरित, श्याम सगाई, अनेकार्थ मंजरी
(स) रूपमंजरी, राममंजरी, विरहमंजरी, नाममंजरी
(द) उपर्युक्त सभी✔️

8. निम्न में से किस कवि को संगीत शास्त्र का पूर्ण ज्ञान था एवं जिनके पास तानसेन भी गायन कला सीखने आते थे ?
(अ) परमानंददास       (ब) कृष्णदास
(स) गोविन्द स्वामी✔️   (द) चतुर्भुजदास

9. ’अहो विधना। तापै अचरा पसार मांगो, जनम-जनम दीजो मोहि, याही ब्रज वासिनो’ पद के रचयिता है ?
(अ) गोविन्द स्वामी    (ब) चतुर्भुज दास
(स) छीत्त स्वामी ✔️   (द) कृष्णदास

10. राधावल्लभ सम्प्रदाय के प्रवर्तक है ?
(अ) हरिराम व्यास         (ब) हित हरिवंश गोस्वामी✔️
(स) हरिदास निरंजनी     (द) चतुर्भुज दास

11. ’बङौ अभाग्य अनन्य सभा को उठि गयौ ठाठ सिंगार’ हित हरिवंश की मृत्यु पर यह पंक्ति किसने कही ?
(अ) चतुर्भुज दास ने      (ब) हरिराम व्यास ने✔️
(स) दामोदर व्यास ने    (द) ध्रुवदास ने

12. ’सबसौ हित निष्काम मति वृंदावन विश्राम, राधावल्लभ को हृदय ध्यान मुख नाम’ पंक्तियों के रचयिता है ?
(अ) दामोदर व्यासस   (ब) हित हरिवंश✔️
(स) हरिराम व्यास      (द) ध्रुवदास

13. हरिराम व्यास कृत रचना है ?
(अ) ’व्यासवाणी’, ’रागमाला’✔️    (ब) सेवकवाणी
(स) द्वादशयश                      (द) मंगलसार यश

14. कृष्ण काव्य में सर्वाधिक रचना करने वाले कवि थे?
(अ) नेहि नागरीदास      (ब) ध्रुवदास ✔️
(स) हरिदास निरंजनी    (द) चैतन्य महाप्रभु

15. ’हितवानी’ एवं ’नित्य विहार’ के रचयिता है ?
(अ) नेहि नागरीदास✔️  (ब) धु्रवदास
(स) चैतन्य महाप्रभु      (द) हित हरिवंश

16. निम्न में से किस सम्प्रदाय में निकुंज बिहारी कृष्ण की आराधना की जाती है ?
(अ) हरिदासी या सखी सम्प्रदाय में✔️
(ब) राधावल्लभ सम्प्रदाय में
(स) गौङीय सम्प्रदाय में
(द) माधव सम्प्रदाय में

17. सुमेलित कीजिए –
(कवि)                (जन्मस्थान)
(क) निम्बार्काचार्य     1. देवबंद, सहारनपुर में
(ख) चैतन्यमहाप्रभु    2. ओरछा में
(ग) ध्रुवदास            3. वैल्लारी जिले के निम्बापुर नगर में
(घ) हरिराम व्यास     4. बंगाल के नवद्वीप नामक स्थान पर।

कूट-
क ख ग घ
(अ) 1 2 3 4
(ब) 3 4 2 1
(स) 3 4 1 2✔️
(द) 2 4 3 1

18. निम्न में से किसके बचपन का नाम विश्वम्भर था एवं घर में उन्हें ’निमाई नाम से पुकारा जाता था ?
(अ) चैतन्य महाप्रभु ✔️      (ब) निम्बार्काचार्य
(स) विष्णुस्वामी              (द) हितहरिवंश

19. निम्बार्काचार्य कृत रचनाएँ है ?
(अ) वेदांत पारिजात सौरभ, दशश्लोकी
(ब) श्री कृष्ण स्तवराज, मंत्र रहस्य
(स) प्रपन्न कल्पावली
(द) उपर्युक्त सभी ✔️

20. चैतन्य मत या गौङीय सम्प्रदाय का दार्शनिक सिद्धान्त कहलाता है ?
(अ) अचिन्त्य भेदाभेद ✔️  (ब) भेदाभेद
(स) द्वैतमत                  (द) विशिष्टाद्वैत

21. ’जग सुहाग मिथ्या री सजनी, हावा हो मिट जासी वरन करयां हरि अविनासी, म्हारो काल व्याल न खासी’ पद है ?
(अ) रसखान         (ब) मीराँ बाई ✔️
(स) चतुर्भुज दास   (द) परमानंद दास
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गुरुवार, 2 जुलाई 2020

गुरु पुर्णिमा स्पेशल

गुरु पुर्णिमा स्पेशल
5 जुलाई 2020।  


 गुरु रास्ता भी है 
गुरु मंजिल भी
जिंदगी की बड़ी जरूरत भी
ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग भी
जीवन भविष्य से जुड़ने
का रास्ता भी
गुरु और गोविंद एक साथ खड़े हो तो किसे प्रणाम करना चाहिए गुरु को अथवा गोविंद को जवाब यही है कि गुरु के चरणों में ही झुकना उत्तम है इनकी कृपा से ही गुरु ही ईश्वर के दर्शन करा सकता है।
गुरु ही ब्रह्मा 
गुरु ही विष्णु
 गुरु ही भगवान है
 गुरु ही शिक्षक
गुरु ही रक्षक है
गुरु ही शंकर है
गुरु ही ब्रह्मा 
गुरु की महिमा अपार है खुश तो भूमि में गुरु का अर्थ अंधकार या मूल अज्ञान कथा ।
रू का अर्थ उसका निरोधक कहा गया है अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला गुरु होता है ।
संत कबीर ने गुरु के बारे में कहा है कि
 गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय
बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाय 
   
अर्थात गुरु और गोविंद दोनों एक साथ खड़े होने पर किसके पैर में पहले स्पर्श करो गुरु के श्री चरणों में शीश झुकाना उत्तम है जिनकी कृपा प्रसाद से ही गोविंद के दर्शन होते हैं ।

संत तुलसीदास ने तो गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना है रामचरितमानस में वह लिखते हैं कि गुरु दिनों बहू ने दिल करे ना कोई जो बिरंचि संकर सम होई 
अर्थात भले ही कोई ब्रह्मा शंकर के समान क्यों ना हो।
 वह गुरु के बिना भवसागर पार नहीं कर सकता।

 संत तुलसीदास तो शिक्षक को मनुष्य के रूप में भगवान ही मानते हैं।
 वह रामचरित्र मानस में लिखते हैं कि
 बंधन गुरु पद कंज कृपा सिंधु 
नर मोह तम पुंज जासु 
बच्चन रबि कर निकर 

यानी गुरु मनुष्य रूप में नारायण ही है मैं उनके चरणों की वंदना करता हूं गुरु के वचनों से मूर्तियां कार का नाश हो जाता है।

 संत कबीर ने तो अद्भुत अंदाज में कहा है कि 
गुरु कुम्हार शिष्य कुंभ ,गढ़ी गढ़ी काडे खोट 
अंदर हाथ सहार देत
बाहर मारै चोट

 महायोगी श्री अरविंद ने कहा है कि अध्यापक राष्ट्र की संस्कृति के चतुर माली होते हैं।
 वह संस्कारों की जड़ों में खाद देते हैं।
 और अपने शर्म से उन्हें सीट जीतकर महाप्राण शक्तियां बनाते हैं जिस दिन उसी दिन से शुरू हो जाता है।
 उसी दिन से शिष्य का पतन शुरू हो जाता है ।
सद्गुरु शिष्य की सभी प्रकार के कदम कदम पर से रक्षा करता है ।
इसलिए गुरु का सम्मान करना चाहिए ।
उनके दिए ज्ञान का अनुसरण करना चाहिए 
गुरु की मर्यादा अर्थात सभी का हनन कभी ना करें ।
कहा भी गया है कि गुरु के समीप शिष्य का आसन हमेशा नीचे होना चाहिए ।
गुरु की बुराई या निंदा ना करें और ना ही उनकी नकल करें गुरु के न रहने पर भी शिष्य को गुरु का नाम आदर पूर्वक देना चाहिए ।
गुरु जहां कहीं भी मिले जिससे उनका सम्मान करें ।
अगर आज के संदर्भ में गुरु शिष्य के संबंध को देखें तो यह बेहद विडंबना की बात है ।
कि दोनों के बीच वैसे मर्यादित और स्नेह पूर्ण संबंध तो दूर की बात है।
 शहद संबंध भी नहीं मिलते कारण चाहे जो भी हो।
 हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि जब तक गुरु के प्रति श्रद्धा व निष्ठा नहीं होगी तब तक ज्ञान नहीं मिलेगा ।
श्री कृष्ण ने भगवत गीता में अर्जुन से कहा-सर्व धर्म आना परिचय नाम के नाम शरणं व्रज रहमत वासर भोपा पर वह अवश्य से मामी मां सूची अर्थात सभी साधनों को छोड़कर केवल नारायण स्वरूप गुरु की शरण में हो जाओ वे सभी पापों का नाश करवा देगा कहने का अभिप्राय है कि गुरु सद्गुरु होना चाहिए ।
इसकी पहचान आप पर विवेक ही आपको करवाएगा सही गुरु की शरण लेने से ही भवसागर पार किया जा सकता है ।धन्यवाद

विश्वविद्यालय में रिअपीयर के के अंक कैसे दिए जाएं

विश्व हरियाणा में विश्वविद्यालय में रिअपीयर आने वाले छात्रों को किस प्रकार दिए जाएं हम
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में हरियाणा कोरिया बीयर वाली परीक्षाएं किस आधार पर अंक दिए जाएं अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है बुधवार यानी 1 जुलाई को सभी विश्वविद्यालयों के परीक्षा नियंत्रक की बैठक हुई है महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक मैं इसके बाद रिपोर्ट उच्च शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को सौंपी गई है यह बैठक 1 जुलाई को दोपहर बाद महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शुरू हुई और देर शाम तक चलती रही बैठक में गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय हिसार एमडीयू रोहतक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी आइजीयू मीरपुर चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी मुरथल यूनिवर्सिटी चौधरी देवी लाल के परीक्षा नियंत्रक शामिल हुए।
इवन सेमेस्टर की रिअपीयर को लेकर होगा फैसला
बैठक में इवन सेमेस्टर यानी दूसरे चौथे छठे और आठवें सेमेस्टर रिअपीयर की परीक्षाओं को लेकर चर्चा हुई विद्यार्थियों को किस आधार पर आग लगाए जाए इसको लेकर शुरू से ही विश्वविद्यालय प्रशासन और विद्यार्थियों के बीच असमंजस की स्थिति थी विद्यार्थियों की मांग और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सरकार को भेजे गए पत्र के बाद परीक्षा नियंत्रक ओ की कमेटी बनाई और उसकी रिपोर्ट पुस्तक पुस्तक विभाग को सौंप दी जल्द ही इस पर कोई अहम फैसला लिया जाएगा।
रेगुलर विश्व के लगाए जा चुके हैं अंक
इस कमेटी की रिपोर्ट में विद्यार्थियों की मई में परीक्षा रद्द की गई और रिअपीयर के परीक्षा के अंक देने का विकल्प सजाया जा रहा है कोविड-19 के चलते रेगुलर परीक्षा रद्द कर दी गई है वहीं रेगुलर परीक्षाओं की जगह पर विद्यार्थियों को पिछले संस्थाओं के अंग वह इंटरनल अंकों के आधार पर अंक दिए जा रहे हैं
पता रिअपीयर के बारे में भी सोचा जा रहा है।

सोमवार, 15 जून 2020

बाबा बटेश्वर नाथ नागार्जुन कृत उपन्यास सार

बाबा बटेश्वर नाथ उपन्यास नागार्जुन 

1.बाबा बटेश्वर नाथ एक उपन्यास है
2.जो नागार्जुन जिनको वैद्य मिश्र यात्री नाम से भी जाना जाता है द्वारा लिखित है।
https://youtu.be/ayfap3X0zTs
3.
इस उपन्यास का कथानक के कोई मनुष्य नहीं एक बूढा बरगद है।
4.जिस प्रकार गांव में बड़े बूढ़ों को आदर दिया जाता है उसी प्रकार आदर इस बूढ़े बरगद को दिया जाता है इसीलिए इसको बाबा बटेश्वर नाथ कहा जाता है।
5.यह एक बरगद का पेड़ है जो आपने से जुड़ी चार पीढ़ियों के कथानक को आजादी से जोड़कर उसे जयकिशन को सुनाते हैं सीख देते हैं।
6.बाबा बटेश्वर नाथ अपनी कहानी सुनाते सुनाते पूरे गांव की कहानी सुना जाते हैं ग्रामीण जीवन के सुख-दुख रूदन और अभाव अभियोग ओं का इसमें भी बड़ा ही सहज और मर्मस्पर्शी चित्रण किया गया है
7.यह एक रुपाली गांव की कथा है जो जयकिशन के 8.परदादा ने इस बरगद के पेड़ को रोका था
9.जमीदारी उन्मूलन से संबंधित है जब भारत में आया था उस समय की कहानी है
10.जयसिंह है बाबा बटेश्वर नाथ के बीच वार्तालाप इसके बीच हुए हैं
11.आजादी से पहले वह बाद की कहानी इस उपन्यास में बताई गई है।
12.4 में आने वाले बदलाव के बारे में जिक्र जिसमें हुआ है।
13.यह एक आंचलिक उपन्यास है।
14.बाबा बटेश्वर नाथ एक ही उम्र 103 साल है।
15.जय किशन बाबा बटेश्वर नाथ की जय हो जाता है और 16.वह बाबा बटेश्वर नाथ से बातचीत करता हुआ दिखाई देता है
17.आजादी से पहले और आजादी के बाद की सभी घटनाओं का करीने से कर्म गत रूप से वह वर्णन करता है और गांव में होने वाले बदलाव का जिक्र करता है
18.इस उपन्यास में नमक कानून बनना है सहयोग आंदोलन चरखा चलाना सूट काटना गुड से चीनी बनाना इस प्रकार के परिवर्तन किया गया है।
19.जहां एक प्रकार से इसके नकारात्मक परिणामों के बारे में बताया गया है वही अंग्रेजों के जो सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं उनके बारे में भी इस उपन्यास में वर्णन किया गया है जैसे रेलवे लाइन का विकास गांधीजी के अलग-अलग प्रभाव युवा और महाजन व जमीदार के बीच होने वाला प्रतिवाद
19.यह उपन्यास जीवंत संवेदनशील आंचलिक और एक व्यक्ति विशेष की देन है नागार्जुन

20पेड़ के आसपास की जमीन को जमीदार हड़पना चाहते हैं 

निष्कर्ष -जिनका यह आंचलिक उपन्यास से बरगद के बहाने आने वाली पीढ़ियों पर भी आजादी से संबंधित सभी जानकारी जय किशन को सुनाते हैं और सीख देती हैं
शिल्प की दृष्टि से नागौर जन का यह उपन्यास विलक्षण है जिसका कथा नायक कोई मानव एक बूढा बरगद है।


सोमवार, 25 मई 2020

बेरोजगारी पर कविता

बेरोजगारी पर कविता

करोड़ों की संख्या में 
लाखों लोग बेकार है
 भूख से तड़पते हुए वे 
नहीं मिलता उन्हें रोजगार हैं
पढ़े-लिखे युवक अकसर
 रो-रोकर यह कहते हैं
 इतना पढ़ने के बाद भी
 क्यों हम बेरोजगार रहते हैं।
कहते हैं पढ़ाई पर
 लगाया था हमने काफी दम
 आकर उची उची डिग्री
 क्यों फिर से बेरोजगार हम
क्या फायदा इन डिग्रियों का
 जो दिला  नहीं सकती काम हमें
 है लज्जा की बात यही भारी
 हम इन्हें लिए बेरोजगार फिरे
काम की खातिर हमने
 अनेकों हैं जतन किए 
चमचागिरी की अफसरों की 
उनके जूते तक भी पॉलिश किए
इतना करने पर भी
 उन्हें नहीं रोजगार मिलते हैं 
आकर तंग हालात से
 यह गलत रास्ता चुनते हैं
जगह-जगह असंख्य युवक
 बैठ बेकार में बहस करें
 खाकर धक्के इधर उधर
 लाखों में शैतान बनी
 जब देखें वे  दुनिया अपनी 
तब गुस्से से भर जाते हैं
 लाखों सुन लेते गलत राह
सैकडों पीकर विष मर जाते हैं
 रिश्वत और सिफारिश ने
 गरीब जनता को बेकार किया 
भ्रष्टाचार की इस जोंक ने 
गरीब जनता का लहू पिया
 नेता अफसर लोग सभी 
भरे घड़े को भरते हैं 
इनकी स्वार्थ लिप्सा के कारण
 गरीब  बेरोजगार बने फिरते हैं
 यही हालात रहे अगर देश में 
जो जलती क्रांति की चिंगारी 
एक दिन शोला बन जाएगी 
जलाकर इस देश को फिर
कंकालों का ढेर लगाए।


2
बेरोजगारी फैली चहु दिसि
चारों तरफ हाहाकार करें
मजदूर भागे इधर-उधर
कौन इनकी दशा में सुधार करें?
लॉक डाउनलोड डाउन शब्द पुकारे
सारे धंधे चौपट हुए
बेरोजगारी की दहशत झले
हाय मजदूर बेचारे
मजदूरों के लिए ट्रेन बस चलाई सरकार
पहुंचाए उनके घरों में
पानी रोटी शेल्टर होम की व्यवस्था करें
पर क्या रोजगार फिर से आबाद कर पाएगी सरकार
कब तक सभी रुकेंगे घरों में
क्या काम ऐसे चल जाएगा
कोरोना महामारी ने
सबसे ज्यादा कमर तोड़ दी मजदूरों की
बेरोजगारी फैली चहु दिसि
चारों तरफ हाहाकार हुआ
कब गम के बादल छूट जाएंगे
कब पहले सा दुनिया आबाद होगी
मजदूर सोचता ही रहता है
उसकी हालत पहले भी वैसी थी
अब थोड़ी और बदतर
रोज उद्योगों मैं मजदूरोंकी संख्या घटकर जीरो हुई
कब तांडव समाप्त होगा कोरोनावायरस
कब मजदूर खुशहाल बनी
इसी आशा में जीवन चलाएं
मजदूर कैसा बेहाल हुए

शुक्रवार, 22 मई 2020

CBSE examination class 10th SST sample papers

CBSE examination class 10th SST sample papers
CBSE class 10th samajik vigyan ke sample paper per ine Hindi
सामाजिक विज्ञान के सैंपल पेपर इन हिंदी
सामाजिक विज्ञान सैंपल पेपर
प्रिय वद्यार्थियों मैंने महसूस किया है कि एसएसटी सब्जेक्ट में हिंदी में सैंपल पेपर्स नहीं मिलते हैं आज मैं कोशिश करूंगी कि हिंदी में आपको सैंपल पेपर प्रदान करवा सकूं।
निर्धारित समय 3 घंटे
अधिकतम 80
कक्षा 10
विषय सामाजिक विज्ञान
सामान्य निर्देश
1.एक इस प्रश्न पत्र में कुल 26 प्रश्न होंगे सभी प्रश्न अनिवार्य हैं
प्रत्येक प्रश्न के आंसर उसके सामने दिए गए हैं।
प्रश्न संख्या 1 से 7तक अति लघु उत्तरीय प्रश्न है।
 जो एक-एक अंक के हैं।

2.प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न तीन आंख का है जिसमें शब्द सीमा 80 शब्दों से अधिक नहीं होनी चाहिए।

3.प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 का है जिसमें शब्द सीमा 100 शब्दों  से अधिक नहीं होनी चाहिए।
4.प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से संबंधित है जिसके दो भाग हैं 26 और 26 बी 26a 2 अंक का इतिहास से और 26 बी 3 अंक का भूगोल से लिया गया प्रश्न है।
5.पूर्ण प्रश्न पत्र में कोई विकल्प नहीं है फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं ऐसे सभी प्रश्नों में से सिर्फ एक ही विकल्प हल करें।


प्रश्न संख्या 1 -1885 में यूरोप के ताकतवर देशों की बर्लिन में बैठक क्यों हुई?(1)
अथवा
17वीं और 18वीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गांव गांव की ओर रुख करने लगे थे?
प्रश्न संख्या दो-रोमन कैथोलिक चर्च ने प्रकाश को और पुस्तक विक्रेताओं पर पाबंदी क्यों लगाई?(1)
अथवा
उपन्यासकार जन् भाषा का उपयोग क्यों करते थे?

प्रश्न संख्या 3 उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण कीजिए(1)
प्रश्न संख्या चार चुनौती कोई समस्या नहीं बल्कि उन्नति का अवसर है कथन का विश्लेषण कीजिए
प्रश्न संख्या 5 आय के अतिरिक्त विकास के किन्हीं दो लक्षणों का उल्लेख कीजिए?(1)

प्रश्न संख्या 6  जब हम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके वस्तुओं का उत्पादन करते हैं? तो इस प्रकार की गतिविधियां किस आर्थिक क्षेत्र के अंदर आती है(1)
प्रश्न संख्या 7 साख अथवा ऋण के अनौपचारिक क्षेत्र के कोई दो उदाहरण दीजिए।(1)

प्रश्न संख्या 8 रिंदरपेस्ट का 18 से 90 के दशक में अफ्रीका के लोगों की आजीविका तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव का वर्णन कीजिए।(3)
प्रश्न संख्या 9 19वीं सदी में भारतीय बुनकरों की तीन प्रमुख समस्याओं का वर्णन कीजिए।(3)
अथवा 
19वीं शताब्दी के दौरान लंदन को साफ सुथरा करने के लिए उठाए गए किन्ही तीन कदमों का वर्णन कीजिए।

प्रश्न संख्या 10
किन्हीं तीन कारणों का वर्णन करें जो इस बात की पुष्टि करते हो की बहुउद्देशीय परियोजनाएं तथा बड़े बांध पिछले कुछ वर्षों से समीक्षा एवं विरोध के विषय बने बन गए हैं।(3)
प्रश्न संख्या 11 मोहन उत्तर प्रदेश का एक खेत का मालिक है वह उसमें या तो झूठ अथवा गन्ना हुआ ना चाहता है उसे इन दोनों फसलों की वर्दी से संबंधित बातों को ध्यान में रखते हुए कौन सी फसल लगानी चाहिए अपने विचार लिखिए।(3)
प्रश्न संख्या 12 सरकार की संघीय शासन प्रणाली तथा एकात्मक शासन प्रणाली में क्या अंतर है लिखिए।(3)

प्रश्न संख्या 13 
सामाजिक विभाजन की राजनीति का परिणाम किन तत्वों पर निर्भर करता है तीन तत्वों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।(3)
प्रश्न संख्या 14 
क्या लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाएं नागरिकों को शांति व सद्भावना का जीवन जीने देती हैं स्पष्ट कीजिए।(3)
प्रश्न संख्या 15 
मोहित 28 वर्षीय एक युवक है जिसका वजन 65 किलोग्राम है उसकी लंबाई 1.8 मीटर है उसका बीएमआई ज्ञात कीजिए यह भी ज्ञात कीजिए कि क्या वह अभीभारित है या अल्प पोषित है क्यों?(3)
प्रश्न संख्या 16 
अमृता एक सरकारी कर्मचारी है तथा एक अच्छे शहरी घर से संबंध रखती है वही रानी एक निर्माण कार्य करने वाले जगह पर एक हेल्पर के तौर पर कार्य करती है तथा एक गरीब ग्रामीण घर से आती है दोनों को ही घर लेना है तथा वह दोनों से लेना चाहते हैं कौन इन दोनों में से ऋण लेने में सफल होगा और क्यों?(3)
प्रश्न संख्या 17 
किस प्रकार सरकार वैश्वीकरण को बेहतर तथा इसके लाभ को समाज के सभी वर्गों को उपलब्ध करवा सकती है?(3)
प्रश्न संख्या 18 
उपभोक्ता जागृति के विज्ञापन बनाइए ताकि वे अपने अधिकार जान पाए और खुद को शोषण से बचा सकें।(3)

प्रश्न संख्या 19 
उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए कि खाद्य पदार्थों ने किस प्रकार की लंबी दूरी के सांस्कृतिक आदान-प्रदान की संभावना का अवसर प्रदान कर दिया है।(5)
प्रश्न संख्या 20 
विभिन्नसमुदाय क्षेत्रों और भाषा समूह से संबंध रखने वालों में किस प्रकार एवं सामूहिक अपने पन का भाव विकसित हुआ है स्पष्ट कीजिए(5)
अथवा 
किस प्रकार असहयोग आंदोलन पूरे भारतवर्ष में फैल गया तथा इसके किसान एवं भारतीयों के संघर्षों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
 प्रश्न संख्या 21
सूती वस्त्र उद्योग के संदर्भ में भारत में कपड़ा उद्योग की मा का वर्णन कीजिए(5)

प्रश्न संख्या 22 
विश्व में भारत के पास सबसे बड़ा रोड नेटवर्क में किस आधार पर है सड़क परिवहन रेलवे परिवहन से बेहतर स्थिति में है इससे आगे निकल गया है स्पष्ट करें।(5)

प्रश्न संख्या 23 
आज के दौर में महिलाओं को कई संसाधनों द्वारा भेदभाव और विरोध को झेलना पड़ता है 5 तर्क देकर इस कथन की व्याख्या कीजिए।(5)
अथवा
आधुनिक समय में कई बदलाव हुए हैं तथा संचार के माध्यमों पर भी इन बदलावों का असर हुआ है उपरोक्त कथन पर प्रकाश डालते हुए आधुनिक समय में भारत में उपयोग होने वाले जन संचार के साधनों की विविधता का वर्णन कीजिए।
प्रश्न संख्या 24
 राजनीतिक दल राजनीतिक शक्ति का प्रयोग करते हैं तथा राजनीतिक पदों को भी भरते हैं परंतु ऐसा वह कुछ महत्वपूर्ण कार्यों का प्रदर्शन करके ही करते हैं उनमें से कीजिए।(5)
अथवा
लोकतंत्र को प्रभावी बनाए रखने के लिए राजनीतिक दलों को कुछ चुनौतियों का सामना करने तथा उन्हें कम करने की आवश्यकता है में से किन्हीं दो नदियों के बारे में उपयुक्त उदाहरण देकर लिखिए।
प्रश्न संख्या 25
रोहन एक बैंक में क्लर्क है वही सुमित एक निर्माण कार्य क्षेत्र में मजदूर के दौरे पर कार्य करता है उनकी कार्य स्थिति में अंतर ज्ञात कीजिए तथा इन क्षेत्रों में कार्य करके होने वाले लाभ और हानि का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।(5)
अथवा
रीमा किसी महत्व टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड में मुख्य तकनीकी अधिकारी के रूप में कार्य करती है वहीं शिरीन फैशन शोरूम में एक बिक्री अधिकारी के रूप में कार्यरत है अर्थव्यवस्था की पहचान कीजिए जिसमें रीमा और भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रत्येक सेक्टर की भूमिका का वर्णन कीजिए।
मानचित्र आधारित प्रश्न 
प्रश्न संख्या 26(A)
 1.दिए गए भारत के राजनीतिक मानचित्र पर वह स्थान अंकित करें जिसका नाम भी लिखिए जहां 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।(1)
2.दिए गए भारत के राजनीतिक मानचित्र पर वह स्थान अंकित करके उस स्थान का नाम लिखिए जहां महात्मा गांधी ने सूती मिल के कार्यकर्ताओं के लिए सत्याग्रह आंदोलन का आयोजन किया था।(1)
प्रश्न नंबर 26 (B)
मानचित्र पर नीचे दिए गए संकेतों को चिन्हित कीजिए
3. नामरूप थर्मल पावर प्लांट(1)
4. लोहा अयस्क भंडार(1)
5. तारापुर न्यूक्लियर पावर प्लांट(1)





गुरुवार, 21 मई 2020

क्या निराश हुआ जाए हजारी प्रसाद द्विवेदी

क्या निराश हुआ जाए हजारी प्रसाद द्विवेदी
निबंध सार
क्या निराश हुआ जाए निबंध आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित एक श्रेष्ठ निबंध है ।
इस निबंध में लेखक ने देश की सामाजिक बुराइयों पर प्रकाश डालते हुए स्पष्ट किया है कि बुराइयों के साथ-साथ अच्छाइयों को भी उजागर किया जाना चाहिए।

 आजकल समाचार पत्र डाका, हत्या ,चोरी ,तस्करी अधिक समाचारों से भरे रहते हैं।
 लगता है कि कोई ईमानदार देश में रहा ही नहीं प्रत्येक व्यक्ति को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है।
 एक मित्र ने लेखक को कहा कि इस समय सुखी वह है जो कुछ नहीं करता हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है 

सच्चाई में भी भीरूता समझी जाती है ।
जीवन में महान मूल्यों के बारे में लोगों की आस्था ही हिलने लगी है।

लेखकका मत है कि इस स्थिति में हताश होना ठीक नहीं लोभ,मोह ,काम विकारों को प्रधान शक्तिमान लेना उचित नहीं ।

मन एवं बुद्धि को इनके इशारों पर छोड़ देना उचित नहीं ।
भारतीय परंपरा के मृत रिश्ता चरण में कभी विश्वास नहीं किया ।
कुछ लोगों की मन की है पवित्रता के कारण नियमों का पालन नहीं हो रहा।
 भारत हमेशा से कानून को धर्म के रूप में देखता रहा है परंतु आज इन दोनों में अंतर कर दिया गया है ।
धर्म भीरु कानूनों की त्रुटियों से लाभ उठाते हैं धर्म को कानून से बड़ा माना जाता है ।
भ्रष्टाचार के प्रति जो आक्रोश है वह सिद्ध करता है कि इन लोगों को पापा चार बुरा लगता है ।
आज बुरी बातों को उद्घाटित करने करके लोग रस लेते हैं यह बुरी बात है हमें अच्छाई को भी प्रकट करना चाहिए लेखक के अंगों के अनुसार आज भी दुनिया में सच्चाई और ईमानदारी खत्म नहीं हुई है ।
मनुष्यता समाप्त नहीं हुई है मनुष्य की बनाई विधियां आज गलत नतीजे तक पहुंच रही हैं उन्हें बदलना होगा आशा की ज्योति अभी बिजी नहीं है।

मैं सबको लगता है कि आज का भारत अपनी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को भूल रहा है।

लेखक तिलक गांधी टैगोर मदन मोहन मालवीय जैसे मनीषियों द्वारा देखे गए भारत के सपनों जैसा भारत चाहता है।
लेखक का विश्वास है कि उसके मनीषियों के सपनों जैसा भारत आज भी है और सदा वैसा ही रहेगा।
आज के भ्रष्टाचारी वातावरण में साधारण लोगों की जीवन के आदर्शों से आस्था टूट रही है।
वर्तमान समय में ईमानदार मेहनती और सामान्य लोगों का शोषण हो रहा है।
ईमानदारी को मूर्खता समझा जाता है सच्चाई डरपोक तथा मजबूर लोगों के लिए रह गई है।
लोगों का उच्च मानवीय मूल्यों तथा आदर्शों के प्रति विश्वास समाप्त हो गया है ।
मनुष्य बुद्धि सदा नवीन परिस्थितियों के अनुरूप सामाजिक नियम बनाती रहती है ।
समय अनुसार उनमें परिवर्तन भी होता रहता है ।
सामाजिक नियम सबके लिए शक्कर नहीं होते इनमें भी टकराव होता है।
 और फिर बदला भी जाता है सामाजिक नियमों एवं आदर्शों में टकराव को देखकर हताश नहीं होना चाहिए ।
भारतीय भौतिक वस्तुओं के संग्रहण को अधिक महत्व नहीं देते हैं ।
भारतीयों के लिए आत्म तत्व का अधिक महत्व है ।
काम क्रोध लोभ मोह को मन और बुद्धि पर हावी होने देना कृष्ण वनी आचरण है किसी के दोषों को उजागर करना बुरी बात नहीं है ।
किसी की बुराई को उजागर कर उसमें रस लेना बुरा है अच्छाई मेरा से लेकर उसे उजागर करना चाहिए।

 अच्छाई को उजागर ना करना और भी बुरा है इस निबंध के माध्यम से लेखक बताना चाह रहा है ।
कि लेखक भयभीत इसलिए चाची डेढ़ 2 घंटे से बस सुनसान जगह पर हुई थी उसके बच्चे तथा पत्नी भूखे प्यासे बेहाल थे कहीं से कोई सहायता नहीं मिल रही थी ।
लोग ड्राइवर को पीटना चाहते थे ।
परंतु लेखक ने समझाने पर उन्होंने ड्राइवर को बस से नीचे उतार लिया और उसे घेर कर खड़े हो गए।
 एक खाली बस लेकर आ गया और सभी की समस्या का समाधान हो गया।

समाचार पत्र समाचार चैनलों के द्वारा दोषों का पर्दाफाश करने का मुख्य कारण समाज को जागृत करना है।
 जब व्यक्ति विशेष जागृत हो जाएगा तो वह गुण दोष की परिभाषा कोश रमजान और समझ सकेगा ।
सभी समाचार पत्र लोगों को एकजुट करने का कार्य भी करते हैं वह भाईचारे और बंधुत्व की भावना का विकास भी करते हैं ।

नए-नए दोषी एवं अप्रिय घटनाओं को छात्र इसी प्रकार सीडी प्रकरण भी रिश्वतखोरी और दोषियों को सबके सामने उजागर कर लोगों को चेतावनी रहते हैं ।
बुरा काम नहीं करना चाहिए इससे समाज गतिमान नहीं हो पाएगा ।
अपने कार्यों द्वारा वह समाज को नवीन पत्र देना चाहते हैं मैं लोगों को अपने गुणों की पहचान कर जीवन में आगे बढ़ने की सलाह देते हैं और निराशा से ऊपर उठने की कह रहे हैं।