5955758281021487 Hindi sahitya : शीर्षक लेखन उद्देश्य एवं महत्व

रविवार, 12 अप्रैल 2020

शीर्षक लेखन उद्देश्य एवं महत्व

शीर्षक लेखन उद्देश्य व महत्व
   शीर्षक के समाचार का दर्पण होता है ।शीर्षक समाचार का सार होता है ।मानव शरीर में जो स्थान सिर सिर का होता है ।वही समाचार में शीर्षक का होता है शीर्षक समाचार का प्राण और सार का विज्ञापन है। समाचारों के शीर्षक से यह बोध होता है कि समाचार पत्र की विचारधारा नीति और परंपरा किस प्रकार की है शीर्षक समाचार पत्र की मनो भावना का स्पष्ट प्रतिबिंब होता है।

परिभाषा -समाचारों अथवा लेखों के ऊपर लिखे जाने वाली संक्षिप्त परिचय देने वाली पंक्ति को मां शीर्षक तथा सिर्फ पंक्ति को ही शीर्षक कहा जाता है।
शीर्षक लेखन के उद्देश्य एवं महत्व।
1. इसमें एक दृष्टि में समाचार का मूल भाव प्रकट हो जाता है।
2. प्राय समाचार के महत्वपूर्ण अंश शीर्षक में होते हैं।
3. समाचार का दर्पण शीर्षक होता है।
4. पाठक इससे अपनी रुचि के समाचार चयन में सुविधा का अनुभव करता है।
 5. शीर्षक के समाचार पत्र की पृष्ठ सजाने में सहयोग करता है।
6. शीर्षक ग्राहकों को समाचार पत्र खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं।
7. शीर्षक समाचार का सार होता है।
8.विभिन्न प्रकार की पाइपों से सजे शीर्षक समाचार पत्र के श्रृंगार होते हैं।
9.शीर्षक किसी समाचार पत्र के राजनीतिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक विचारों के परिचायक होते हैं।
10. शीर्षक सीधे सपाट तो होते ही हैं किसी भी चटपटे और सनसनीखेज समाचार को प्रस्तुत करने वाले तीखे भी हो सकते हैं।
शीर्षक लेखन के समय ध्यान देने योग्य बातें-
1.शीर्षक समाचार की राजनीतिक सामाजिक व्यवसायिक नीतियों पर निष्पक्ष होना जरूरी है।
2.शीर्षक लिखते समय इस बात की पूरी जानकारी रखनी चाहिए कि आपके टाइप किस प्रकार का है।
3.ड शीर्षक दो पंक्तियों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
4. शीर्षक अर्थ अभिव्यक्ति में समर्थ होना चाहिए।
5. शीर्षक रोचक अर्थ पूर्ण व आकर्षक होना जरूरी है।
6.शीर्षक कभी भी अश्लील अमर्यादित तथा अभद्र नहीं होना चाहिए।
7. शीर्षक में शब्दों की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।

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