5955758281021487 Hindi sahitya : फीचर लेखन व आलेख लेखन में अंतर

शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

फीचर लेखन व आलेख लेखन में अंतर

फीचर लेखन व आलेख लेखन में अंतर
फीचर का स्वरूप
समकालीन घटनाओं या किसी भी क्षेत्र विशेष की विशिष्ट जानकारी के साथ चित्र तथा मोहक विवरण को फीचर कहा जाता है।
** इसमें मनोरंजक ढंग से तथ्यों को प्रस्तुत किया जाता है ।**इनके संवादों में गहराई होती है।
** यह सुव्यवस्थित ,सर्जनात्मक वआत्म निष्ठ लेखन है ।
**जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देने शिक्षित करने के साथ-साथ मुख्य रूप से उनका मनोरंजन करना भी होता है ।**फीचर में विस्तार की अपेक्षा होती है जिसकी अपनी एक अलग शैली होती है।
** एक विषय पर लिखा गया फीचर प्रस्तुति विविधता के कारण अलग अंदाज प्रस्तुत करता है।
** इसमें भूत वर्तमान तथा भविष्य का समावेश हो सकता है **कथन व कल्पना का उपयोग किया जा सकता है।
** फीचर में आंकड़े ,फोटो ,कार्टून, चार्ट, नक्शे आदि का उपयोग कर इसे रोचक बना दिया जाता है।
 फीचर ,आलेख में अंतर 
1.फीचर में लेखक के पास अपनी राय या दृष्टिकोण और भावनाएं जाहिर करने का अवसर होता है जबकि समाचार या आलेख मैं वस्तुनिष्ठता और तथ्यों की शुद्धता पर जोर दिया जाता है।
2.फीचर लेखन में उल्टा पिरामिड शैली का प्रयोग नहीं होता है जबकि आलेख शैली में इसी का प्रयोग होता है।
3.इसकी शैली कथात्मक होती है जबकि आले की शैली तथ्यात्मक होती है।
4.फीचर लेखन की भाषा सरल रूप आत्मक व आकर्षक होती है परंतु समाज समाचार वाले की भाषा में सपाट बयानी होती है।
5.फीचर में शब्दों की अधिकतम सीमा नहीं होती यह आमतौर पर ढाई सौ शब्दों से लेकर 500 शब्दों तक होते हैं जबकि आलेख पर शब्द सीमा लागू होती है।
6.फीचर का विषय कुछ भी हो सकता है लेकिन आलेख का विषय कुछ भी नहीं हो सकता।

फीचर के प्रकार

फीचर के निम्नलिखित प्रकार हैं

*समाचार फीचर 
*घटना फीचर 
*व्यक्तिगत फीचर 
*लोक अभिरुचि फीचर 
*सांस्कृतिक फीचर
* साहित्यिक फीचर 
*विश्लेषण 
*विज्ञान ।
*सुविचार
फीचर संबंधी मुख्य बातें

1.फीचर को सजीव बनाने के लिए उसमें उस विषय से जुड़े लोगों की मौजूदगी जरूरी है।
2फीचर की कथ्य को पात्रों के माध्यम से बतलाना चाहिए।
3.कहानी को बताने का अंदाज ऐसा हो कि पाठक यह       महसूस करें कि वे खुद देख और सुन रहे हैं।
4.फीचर मनोरंजक व सूचनात्मक होने चाहिए
5.फीचर शोध रिपोर्ट नहीं है
6.इसे किसी बैठक या सभा की कार्यवाही विवरण की तरह      नहीं लिखा जाना चाहिए
7.फीचर का कोई न कोई उद्देश्य होना चाहिए इस उद्देश्य के     इर्द-गिर्द ही सभी प्रासंगिक सूचनाएं तथ्य तथा विचारों से      होने चाहिए
8.फीचर तथ्यों सूचनाओं और विचारों पर आधारित कथा त्मक विवरण और विश्लेषण होता है।
9.फीचर लेखन का कोई निश्चित ठांचा या फार्मूला नहीं     होता   इसे कहीं से भी आरंभ मध्य या अंत से शुरू किया   जा सकता है।
10.फीचर का हर पैराग्राफ अपने पहले के पैराग्राफ से सहज तरीके से जुड़ा होना चाहिए तथा उनमें प्रारंभ से अंत तक प्रभावित रहनी चाहिए।
11.पैराग्राफ छोटे होने चाहिए तथा एक पैराग्राफ में एक ही     पहलू पर फोकस करना चाहिए
कुछ प्रमुख उदाहरण

1.सफलता व आत्मसम्मान विषय पर फीचर लिखिए
2.दक्षिण का कश्मीर तिरुअनंतपुरम
3.बस्ते का बढ़ता बोझ
4.महानगर की ओर पलायन की समस्या
5.फुटपाथ पर सोते लोग
6.आतंकवाद की समस्या
7.आतंकवाद का घिनौना चेहरा
8.चुनावी वायदे
9.बिना प्यास के भी पीने पानी
10.अच्छे काम पर बच्चों को करें अप्रिशिएट

आलेख लेखन

**किसी एक विषय पर विचार प्रधान ,गद्य प्रधान अभिव्यक्ति को आलेख कहा जाता है ।
**यह एक प्रकार के लोग होते हैं जो अधिकतर संपादकीय पृष्ठ पर ही प्रकाशित होते हैं इनका संपादकीय से कोई संबंध नहीं होता है 
**यह लेख किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो सकते हैं जैसे खेल समाज राजनीति अर्थ फिल्म आदि इनमें सूचनाओं का होना अनिवार्य है
आलेख के मुख्य अंग

आलेख के मुख्य अंग निम्नलिखित हैं
*भूमिका 
*विषय का प्रतिपादन
*तुलनात्मक चर्चा 
*निष्कर्ष

**सर्वप्रथम शीर्षक के अनुकूल भूमिका लिखी जाती है ।
**यह बहुत लंबी ना होकर संसद में होनी चाहिए विषय के प्रतिपादन में विषय का वर्गीकरण, आकार ,रूप व क्षेत्र आते हैं ।
**इनमें विषय का क्रमिक विकास ने किया जाना चाहिए ।**विषय में महता व क्रमता अवश्य होनी चाहिए 
***तुलनात्मक चर्चा में विषय वस्तु का तुलनात्मक विश्लेषण किया जाता है। 
**अंत में विषय का निष्कर्ष प्रस्तुत किया जाता है।

आलेख रचना के संबंध में प्रमुख बातें
1. लेखक लेख लिखने से पूर्व विषय का चिंतन मनन करक विषय वस्तु का विश्लेषण करना चाहिए।

 2.विषय वस्तु से संबंधित आंकड़ों के उदाहरणों का उपयुक्त संग्रह करना चाहिए लेख में श्रंखला पता होना जरूरी है।
3. लेख की भाषा सरल और रोचक होनी चाहिए।
4. वाक्य बहुत बड़े नहीं होने चाहिए।
 5.एक परिच्छेद में एक ही भाव व्यक्त करना चाहिए।
6. लेख की प्रस्तावना व समापन में रोचकता होनी जरूरी है 7.विरोधाभास ,दोहरापन, असंतुलन तत्वों किए समावेश आदि से बचना चाहिए 
उदाहरण 
*असम में उल्फा 
*कॉमन वेल्थ गेम 
*बढ़ती आबादी देश की बर्बादी 
*बचपन की पढ़ाई सीकर की चढ़ाई 
*एक अच्छा स्कूल 
*भारतीय कृषि की चुनौतियां
 *किसानों पर कर्ज का बोझ
 *महानगरों में बढ़ते अपराध 
*बाल श्रम 
*जातीयता का विषय
 *मेरे विद्यालय का पुस्तकालय
 *मोबाइल के सुख-दुख
*डॉक्टरों की हड़ताल
 *छात्र और बिजली संकट
 *फिल्मों में हिंसा।
 *कर्ज में डूबा किसान 
*दिन प्रतिदिन बढ़ते अंधविश्वास 
*पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें

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