5955758281021487 Hindi sahitya : आचार्य रामचंद्र शुक्ल निबंध-उत्साह

बुधवार, 8 अप्रैल 2020

आचार्य रामचंद्र शुक्ल निबंध-उत्साह

उत्साह क्या है?
आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार।
. उत्साह मानव का एक मनोविकार है।
२.आनंद वर्ग में उत्साह का वही स्थान है जो दुख के वर्ग में भय का है।
३.उत्साह की स्थिति में कष्ट या हानि सहने की दृढ़ता के साथ-साथ कर्म में प्रवृत्त होने का योग रहता है।
४. साहस पूर्ण आनंद की उमंग का नाम ही उत्साह है।
५. उत्साह की गिनती अच्छे गुणों में होती है।
६. प्रयत्न और कर्म संकल्प उत्साह नामक आनंद के नित्य लक्षण हैं।
७. लेखक ने युद्धवीर दया वीर कर्मवीर का बुद्धि वर उत्साह के चार भेद बताए हैं।
८. उत्साह एक योगिक भाव है जिसमें साहस और आनंद का मेल रहता है।
उत्साह के मुख्य बिंदु

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